Sahni Suicide Case:दक्षिण अफ्रीका में खलबली मचा चुके गुप्ता ब्रदर्स को देहरादून में हाई प्रोफाइल बिल्डर साहनी सुसाइड केस में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। बड़ी बात ये है कि आत्महत्या से पहले साहनी ने एक सुसाइट नोट भी छोड़ा था, जिसमें गुप्ता ब्रदर्स को जिम्मेदार ठहराया था। जांच के दौरान ये सुसाइट नोट भी नहीं टिक पाया।
Sahni Suicide Case:दक्षिण अफ्रीका सरकार को हिलाने वाले गुप्ता ब्रदर्स को साहनी सुसाइड केस में क्लीन चिट मिल गई है। सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी ने पिछले साल 24 मई को देहरादून की सहस्रधारा रोड स्थित पैसिफिक गोल्फ एस्टेट की आठवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला था। पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित करते हुए लिख गए इस नोट में अजय-अनिल गुप्ता पर ब्लैकमेलिंग तथा धमकी देने के आरोप लगाए गए थे। इस पर साहनी के बेटे रणबीर सिंह ने केस दर्ज कराया था। उनकी तहरीर के अनुसार गुप्ता बंधु, दो प्रोजेक्ट अपने नाम ट्रांसफर करने का दबाव बना रहे थे। सहारनपुर पुलिस में उन्होंने साहनी के विरुद्ध झूठी शिकायत की थी। साहनी को कई बार बुलाया गया। इससे पहले बाबा साहनी ने 16 मई 2024 को राजपुर थाने में परिवार को खतरा बताते हुए शिकायत की थी। पुलिस ने शुरुआत में धारा 306 के तहत केस दर्ज किया। जांच के बाद इसमें जबरन वसूली को धमकाने, धोखाधड़ी और साजिश आदि धाराएं जोड़ीं थी। घटना के दिन आरोपियों को डालनवाला से गिरफ्तार किया गया था। इधर, विकासनगर सीओ बीएल साह ने जांच के बाद कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है। एफआर में कहा गया कि आरोपों के साक्ष्य नहीं मिले। साहनी का सुसाइड नोट भी इसमें नहीं टिक सका।
साहनी सुसाइड केस में घिर चुके गुप्ता बंधुओं के तमाम कारनामे हैं। मूल रूप से यूपी के सहारनपुर निवासी अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता साउथ अफ्रीका में गुप्ता बदर्स के नाम से चर्चित रहे। गुप्ता ब्रदर्स ने 90 के दशक में साउथ अफ्रीका बसने के बाद खनन, आईडी और मीडिया का विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया था। इसके बूते गुप्ता ब्रदर्स साउथ अफ्रीका के सातवें अमीर व्यक्ति बन गए थे। गुप्ता बंधु साल 2016 में स्टेट कैप्चर घोटाले में बुरी तरह फंस गए थे। उन पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलीभगत के आरोप लगे थे। साल 2016 में ही साउथ अफ्रीका में गुप्ता बंधुओं की जांच शुरू हो गई थी। इसके बाद साल 2018 में वह साउथ अफ्रीका छोड़कर दुबई भाग गए थे। साल 2022 में यूएसई से उनकी गिरफ्तारी हुई थी। साल 2019 में ओली में गुप्ता ब्रदर्स के परिवार की शादी काफी चर्चाओं में रही थी। इस शादी में प्रदेश के तमाम शीर्ष नेता शामिल हुए थे।
साहनी बिल्डर्स केस में पुलिस की जांच के दौरान भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का गुप्ता परिवार और साहनी से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इससे कई सवाल खड़े हुए, लेकिन पुलिस की जांच में गुप्ता बंधुओं को क्लीन चिट दे दी गई है। इधर, एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक किसी भी शिकायतकर्ता को नहीं है कोई आपत्ति तथ्यों के आधार पर एफआर दाखिल की गई है। किसी भी शिकायतकर्ता को कोई आपत्ति नहीं है। पुलिस ने भी जांच पूरी की है।
नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या केस में यूपी के गुप्ता बंधुओं को पुलिस की क्लीन चिट दे दी है। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर बिल्डर की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है? यह अब तक साफ नहीं हो पाया है। पुलिस जांच में साहनी के पास से बरामद सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में ‘गुप्ता ब्रदर्स’ नाम से चर्चित अजय और अनिल गुप्ता पर ब्लैकमेलिंग और धमकाने के आरोप थे। लेकिन, सीओ विकासनगर की जांच में सुसाइड नोट भी किसी सबूत के रूप में नहीं टिका और आरोपों की ठोस पुष्टि नहीं हुई।