Congress Organizational Elections:कांग्रेस ने गहन मंथन के बाद आखिरकार 25 जिलाध्यक्षों के नामों की सूची तय कर ली है। अब केवल दो जिलों में पेंच फंसा हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन दो जिलों के नामों पर भी सहमति बना ली जाएगी। भैयादूज के बाद नवनियुक्त कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने की उम्मीद है।
Congress Organizational Elections:कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान जल्द होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 15 अक्तूबर को दिल्ली में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में उत्तराखंड के अधिकतर संगठनात्मक जिलों पर सहमति बन गई थी। वहीं, यूएस नगर में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत रायशुमारी पूरी होने के बाद युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर के जिलाध्यक्ष पद की सीधी दावेदारी किए जाने से समीकरण अचानक उलट-पुलट हो गए। रायशुमारी में पूर्व में वर्तमान जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा और परिमय रॉय सहित चुनिंदा दावेदार ही मैदान में थे। पिथौरागढ़ में मौजूदा जिलाध्यक्ष मंजू लुंठी ने पद पर रिपीट किए जाने की दावेदारी ठोकी है, जबकि विधायक मयूख महर समर्थित भुवन पांडे सहित कुल छह दावेदार भी मैदान में हैं। संगठन के दो बड़े धड़ों के आमने-सामने होने से यहां भी फैसला अटक गया है। इससे फाइनल लिस्ट जारी होने में पेंच अटक गया है।हालांकि आला नेता जल्द ही सभी जिलों के अध्यक्षों के नामों का ऐलान करने की बात कर रहे हैं।
यूएस नगर से सुमित्तर भुल्लर ने भी जिलाध्यक्ष पद के लिए दावा किया है। सुमित्तर भुल्लर युकां प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। पूर्व में कांग्रेस हाईकमान ने आदेश दिया था कि जिलाध्यक्ष अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकेगा। लेकिन अब सूत्रों के मुताबिक इस शर्त में संशोधन किया गया है। इसी बदलाव के आधार पर युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर ने जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी ठोकी। यूएसनगर में हरियाणा के पूर्व काबीना मंत्री और केंद्रीय ऑब्जर्वर राव दान सिंह ने 10 दिन जिलेभर में रायशुमारी की थी। उसी दौरान निश्चित माने जा रहे समीकरण, बाद में भुल्लर की एंट्री से पूरी तरह उलट गए। भुल्लर ने हाईकमान के निर्देश पर जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी करने की पुष्टि की है। साथ ही कहा कि जिलाध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ने का प्रतिबंध समाप्त होने से उन्होंने दावेदारी की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के अनुसार एआईसीसी की 15 अक्तूबर को दिल्ली में हुई बैठक में करीब-करीब सभी जिलों के अध्यक्षों के नाम फाइनल कर लिए हैं। दो जिलों में दावेदार बढ़ने से सीडब्ल्यूसी और सीईसी की एक और बैठक की संभावना है। इस बीच त्योहार और बिहार चुनाव पड़ने से फाइनल लिस्ट जारी होने में हफ्ते भर का समय और लग सकता है। इधर, दो जिलों में पेंच फंसने के कारण अन्य जिलों के दावेदारों की धड़कनें भी तेज हो गई हैं।