Bhojshala ASI Survey : 19 जून को पुरात्तव विभाग की टीम द्वारा किए गए सर्वे को 90 दिन यानी तीन महीने पूरे हो गए हैं। इन तीन महीनों में भोजशाला के इतिहास से पर्दा उठाने के लिए एएसआई टीम कड़ी मेहनत कर रही है।
Bhojshala ASI Survey : मध्य प्रदेश के धार की ऐतिहासिक धरोहर भोजशाला में एएसआई की टीम इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर लगातार सर्वे कर रही है। 19 जून यानी आज पुरात्तव विभाग की टीम द्वारा जारी वैज्ञानिक सर्वे को 90 दिन यानी तीन महीने पूरे हो गए हैं। इन तीन महीनों में भोजशाला के इतिहास से पर्दा उठाने के लिए एएसआई की टीम कड़ी मेहनत कर रही है। तकनीक से लेकर श्रमिकों की मेहनत से जमीन के 25 फीट नीचे तक मिट्टी हटाकर प्राचीन अवशेषों और मूर्तियों को निकाला गया है।
इसमें अब तक कई साक्ष्य और अवशेष सामने आए हैं, इसके आधार हिंदू पक्ष अपना दावा मजबूत कर रहा है। मंगलवार को भी यहां पर 5 अवशेष मिले हैं। टीम ने अब तक बिना ब्रेक लिए लगातार सर्वे किया है। खास बात ये है कि होली, रंगपंचमी, लोकसभा चुनाव के मतदान और मतगणना के दिन भी सर्वे कार्य चलता रहा।
वैज्ञानिक सर्वे के दौरान मूर्तियां, शिलालेख का निकलना लगातार जारी है। इसके बाद दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। मामले में अब 4 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, जहां एएसआई को फाईनल रिपोर्ट पेश करने कहा गया है। एएसआई की रिपोर्ट से कई बिंदुओं से पर्दा उठेगा। साथ ही, भोजशाला के इतिहास को लेकर हो रहे दावे की भी हकीकत सामने आने की स्थिति बनेगी। हिंदू पक्ष इसे मां वाग्देवी का मंदिर बताते हुए पूर्ण अधिकार मांगने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष लगातार इस पर आपत्ति दर्ज करवा रहा है।
-5 फरवरी को संस्था हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की तरफ से याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में रखी मांग।
-11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद वैज्ञानिक सर्वे के आदेश दिए।
-22 मार्च से हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई की टीम ने सर्वे शुरू किया।
-01 अप्रैल को मुस्लिम पक्ष सर्वे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
-29 अप्रैल को एएसआई के आवेदन पर पहली बार सर्वे की समयसीमा बढ़ाई गई।
-04 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट में सर्वे की फाइनल रिपोर्ट पेश की जाना है। इसके लिए एएसआई रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है।