MP News: मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विशेष गहन पुनरीक्षण यानी (SIR) को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
MP News: मध्यप्रदेश विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने SIR पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि धार कलेक्टर ने प्रशासन को मौखिक आदेश दिया कि SIR फॉर्म रोक दें। क्योंकि, वे आदिवासी इलाकों के मजदूरी करने गए वोटर्स के नाम काटना चाहते हैं। उन्हें शिफ्टेड वोटर्स बताया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आदिवासी मजदूर मजबूरी में गुजरात और अन्य राज्यों में काम करने जाते हैं। उनके लिए 3 हजार रुपए खर्च करके सिर्फ SIR फॉर्म भरने गांव लौटना संभव नहीं है। उन्हें शिफ्टेड वोटर बताना गलत है। आगे सिंघार ने कहा कि ये समस्या केवल एक जिले तक सीमित नहीं है। बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का मामला है। सरकार 50 लाख वोटरों के नाम हटाने की तैयारी में है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव आदिवासी क्षेत्रों में पड़ेगा।
सिंघार ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह पूरे मामले को संज्ञान में ले और मामले की निष्पक्ष जांच कराए। काम की मजबूरी से बाहर रहने वाले लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाना पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है और ये आदिवासी समुदाय को राजनीतिक रूप से कमजोर करने का प्रयास है।