Chandra Grahan: वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बड़ा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका मनुष्य पर बड़ा असर पड़ता है, वहीं धार्मिक ग्रंथों में इसको लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। साल 2024 में दो बार चंद्र ग्रहण लगना था, पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को था, अब दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा और इसका सूतक काल लगेगा या नहीं, जानने के लिए पढ़ें आलेख..
खगोलशास्त्र के अनुसार जब पृथ्वी परिक्रमा करते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है (ये तीनों एक रेखा में आ जाते हैं), तब पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है और इससे सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है। इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जिस समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही रेखा में आ जाते हैं, तब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है और हमें पृथ्वी से ऐसा दिखाई देता है जैसे कि चंद्रमा धुंधला नजर आ रहा है। इस असामान्य घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार, साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को लगेगा, इसकी शुरुआत सुबह 07.43 बजे होगी और यह सुबह 08.46 बजे खत्म होगा। यह चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और पश्चिम यूरोप में लगेगा, यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चंद्र ग्रहण लगने से लगभग नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और चंद्र ग्रहण समाप्त होने तक रहता है। खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण धरती के जिस हिस्से से दिखता है, उसी हिस्से में सूतक काल मान्य होता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है इसिलए भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान मांगलिक या शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस समय मंदिर बंद कर दिए जाते हैं। घरों में बैठकर ही लोग आराधना करते हैं।