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Chandra Grahan: इस डेट पर लगेगा दूसरा चंद्र ग्रहण, जानें सूतक काल लगेगा या नहीं

Chandra Grahan: वैदिक ज्‍योतिष में ग्रहण का बड़ा महत्‍व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका मनुष्य पर बड़ा असर पड़ता है, वहीं धार्मिक ग्रंथों में इसको लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। साल 2024 में दो बार चंद्र ग्रहण लगना था, पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को था, अब दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा और इसका सूतक काल लगेगा या नहीं, जानने के लिए पढ़ें आलेख..

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Jul 09, 2024
चंद्र ग्रहण सितंबर 2024

कब लगता है चंद्र ग्रहण

खगोलशास्त्र के अनुसार जब पृथ्‍वी परिक्रमा करते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है (ये तीनों एक रेखा में आ जाते हैं), तब पृथ्‍वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है और इससे सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है। इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जिस समय पृथ्‍वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही रेखा में आ जाते हैं, तब चंद्रमा पृथ्‍वी की छाया में प्रवेश करता है और हमें पृथ्‍वी से ऐसा दिखाई देता है जैसे कि चंद्रमा धुंधला नजर आ रहा है। इस असामान्‍य घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

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कब लगेगा चंद्र ग्रहण

पंचांग के अनुसार, साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को लगेगा, इसकी शुरुआत सुबह 07.43 बजे होगी और यह सुबह 08.46 बजे खत्‍म होगा। यह चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और पश्चिम यूरोप में लगेगा, यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

चंद्र ग्रहण सितंबर 2024
चंद्र ग्रहण सितंबर 2024

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क्या भारत में लगेगा सूतक काल

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चंद्र ग्रहण लगने से लगभग नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और चंद्र ग्रहण समाप्त होने तक रहता है। खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण धरती के जिस हिस्से से दिखता है, उसी हिस्से में सूतक काल मान्य होता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है इसिलए भारत में इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान मांगलिक या शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस समय मंदिर बंद कर दिए जाते हैं। घरों में बैठकर ही लोग आराधना करते हैं।

चंद्र ग्रहण 2024 का प्रभाव

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सितंबर 2024 में लगने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, हिंदी कैलेंडर के भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि को मीन राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रभाव में लगेगा। इस कारण वैश्विक स्‍तर पर तनाव बढ़ सकता है।
  • चंद्र ग्रहण के प्रभाव से आगे चलकर दूध और फलों के उत्‍पादन में कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा चावल, जौ, सफेद धातु, कपास, तिल, पीतल और सोने के दाम में भी वृद्धि हो सकती है।
  • आंशिक चंद्र ग्रहण के कारण तांबा, सोना, मक्‍का, चांदी, बारूद, तेल, बाजरा, चना, ज्‍वार, उड़द की दाल और कपास की मांग और दाम बढ़ सकते हैं।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भावस्‍था को लेकर महिलाओं में चिंता बढ़ सकती हैं। गर्भपात का जोखिम भी बढ़ सकता है, आंखों से जुड़े रोग और पाचन संबंधी विकार होने की आशंका रहती है।
  • इस ग्रहण से आर्थिक उन्‍नति भी हो सकती है। सरकारी संस्‍थानों में भी प्रगति देखने को मिल सकती है।

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