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इन रथों में बैठेंगे, श्री बलराम, श्री सुभद्रा एवं भगवान श्री जगन्नाथ जी

इन रथों में बैठेंगे, श्री बलराम, श्री सुभद्रा एवं भगवान श्री जगन्नाथ जी

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Jul 03, 2018
इन रथों में बैठेंगे, श्री बलराम, श्री सुभद्रा एवं भगवान श्री जगन्नाथ जी

भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के के लिए तीन नए रथों का निर्माण प्रतिवर्ष किया जाता हैं । इन तीनों रथ को इनके यूनिक तरीके से सजाया जाता है जो कि सदियों से एक ही प्रकार के रंगों से सजाया जाता है । इन रथों की सजावट और निर्माण बडदांड में ही होता है, इनका लाल रंग का ध्वज और चमकते हुए पीले, नीले, काले रंग मन को सहज ही मोह लेते हैं ।


1- नंदिघोषा रथ
पहला रथ- भगवान श्री जगन्नाथ जिस रथ में बैठकर यात्रा करेंगे उस रथ का नाम नंदिघोषा रथ है, इस रथ को गरुडध्वजा और कपिलध्वजा रथ भी कहा जाता है, इसमें श्री भगवान का साथ मदनमोहन देते हैं ।

रथ का स्वरूप


कुल 838 लकड़ी के टुकड़े से बना जगन्नाथ जी के रथ की ऊंचाई 45 फिट होती हैं ।
कपड़ों के रंग – लाल और पीले रंग का कपडा
रखवाला – गरुड़
सारथी का नाम – दारुका
झंडा(ध्वज) – त्रैलोक्यमोहिनी
घोड़े – शंखा, बलाहंखा, सुवेता, और हरिदश्व
रस्सी – शंखाचुडा नागुनी
नौ देवताओं कि अध्यक्षता – वराह, गोबर्धन, कृष्णा (गोपी कृष्णा), नुर्सिंघा, राम, नारायण, त्रिविक्रमा, हनुमान, रूद्र आदि ।


2- तालध्वजा रथ
दूसरा रथ- भगवान बलभद्र के रथ का नाम तालध्वजा रथ होता हैं, इसे नंगलध्वजा रथ भी कहा जाता है, इस रथ में उनका साथ रामकृष्ण देते हैं ।

कुल 763 लकड़ी के टुकड़े से बना बलराम जी के रथ की ऊंचाई 44 फिट होती हैं ।
कपड़ों के रंग – लाल, नीला-हरा रंग का कपडा
रखवाला – बासुदेव
सारथी का नाम – मताली
झंडा(ध्वज) – उन्नानी
घोड़े – त्रिब्र, घोरा, दीर्गशर्मा, स्वोर्नानव
रस्सी – बासुकी नागा
नौ देवताओं कि अध्यक्षता – गणेश, कार्तिके, सर्वमंगला, प्रलाम्बरी, हतायुधा, मृत्युन्न्जय, नतमवर, मुक्तेश्वर, शेश्देवा आदि ।


3- दर्पदलना रथ
तीसरा रथ- देवी श्री सुभद्रा के रथ का नाम है दर्पदलना रथ हैं, इसे देवदलन, पद्मध्वज भी कहा जाता हैं, इस रथ में देवी सुभद्रा का साथ सुदर्शन देता हैं ।


कुल 593 लकड़ी के टुकड़े से बना देवी सुभद्रा जी के रथ की ऊंचाई 43 फिट होती हैं ।
कपड़ों के रंग – लाल, काले रंग का कपडा
रखवाला – जयदुर्गा
सारथी का नाम – अर्जुन
झंडा(ध्वज) – नादम्बिका
घोड़े – रोचिका, मोचिका, जीता, अपराजिता
रस्सी – स्वर्नाचुडा नागुनी
नौ देवताओं कि अध्यक्षता – चंडी, चामुंडा, उग्रतारा, वनदुर्गा, शुलिदुर्गा, वाराही, श्यामकाली, मंगला, विमला आदि ।

हर साल इन सभी रथों को पूरी तरीके से नया बनाया जाता है।

Published on:
03 Jul 2018 05:32 pm
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