Jyeshth Purnima Upay: आपके विवाह में बाधा आ रही है या रिश्ते में परेशानी बनी है वट पूर्णिमा उपाय यानी ज्येष्ठ पूर्णिमा उपाय से आप छुटकारा पा सकते हैं। यहां जानें वे भी उपाय जिसे पति भी कर सकता है। (full moon remedies on Jyeshtha Purnima for good luck) ...
Jyeshtha Purnima Upay: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती हैं। इससे व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है। इसके अलावा ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनको मुक्ति मिल जाती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं। लेकिन शिव पार्वती के विवाह में आने वाली अड़चनों को तमाम सीरियल्स में देखा होगा, इस तरह की दिक्कत आपके विवाह में आ रही है तो वट पूर्णिमा उपाय जरूर आजमाना चाहिए।
वाराणसी के पुरोहित पं शिवम तिवारी के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा (jyeshtha purnima) के दिन स्नान, ध्यान, दान पुण्य का विशेष महत्व है। लेकिन वट पूर्णिमा उपाय भी काफी असर कारक हैं, कोई व्रत नहीं रख पा रहा है तो उसे वट पूर्णिमा के उपाय आजमाना चाहिए..
पं. तिवारी के अनुसार ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव से कई बार युवक-युवतियों को विवाह में परेशानी झेलनी पड़ती है। विवाह होते-होते रूक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है। ऐसे लोगों को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सफेद कपड़े पहन कर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। इससे उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाएगी। इसके अलावा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ आसान उपाय करने से आपको नौकरी, कारोबार में तरक्की मिल सकती है।
मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बतासा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करें तो इससे उस व्यक्ति का फंसा धन वापस मिल जाएगा और उसे बिजनेस में भी लाभ मिलेगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दंपती को रात में चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है। यह काम पति या पत्नी किसी द्वारा किया जा सकता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात यदि कोई व्यक्ति किसी कुएं में चम्मच से दूध डाले तो उसका भाग्य चमक जाता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही है तो वो भी दूर हो सकती है।
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना चाहिए।
ज्येष्ठ पूर्णिमा यानी वट पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्दी से तिलक लगाना चाहिए। इसके बाद अगली सुबह इन्हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें, इससे आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।