Kab hai Sawan Purnima 2024: पूर्णिमा की तिथि स्नान दान पुण्य और व्रत के लिए महत्वपूर्ण होती है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, सूर्य नारायण, शिव परिवार और चंद्रमा की पूजा की जाती है। श्रावण पूर्णिमा 2024 और भी विशेष है, यह तिथि छह शुभ योग में पड़ रही है। जानें श्रावण पूर्णिमा डेट, दान पुण्य का समय, चंद्रोदय का समय क्या है (chandroday arghya) ।
Kab hai Sawan Purnima 2024: सावन पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का गांव गिरांव में घर-घर आयोजन होता है। साथ ही दान पुण्य किया जाता है। मान्यता है कि इससे परिवार में सुख और समृद्धि आती है। भगवान के आशीर्वाद से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं और पाप नष्ट हो जाते हैं।
कई बार समय काल के हिसाब से पूर्णिमा स्नान और पूर्णिमा दान का समय अलग हो जाता है। लेकिन वाराणसी के पुजारी पं. शिवम तिवारी का कहना है कि सावन पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान एक ही दिन होगा। विशेष बात है पूर्णिमा सोमवार को पड़ रही है। साथ ही इस तिथि पर छह शुभ योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि कब है सावन पूर्णिमा व्रत, स्नान-दान का समय और चंद्रमा का अर्घ्य समय क्या है…
सावन पूर्णिमा 2024 की शुरुआत सोमवार 19 अगस्त 2024 को सुबह 3.04 बजे से हो रही है, सावन पूर्णिमा तिथि का समापन 19 अगस्त रात 11.55 बजे तक है। उदया तिथि में सावन पूर्णिमा 19 अगस्त सोमवार को है। इसी दिन रक्षाबंधन भी है। इस साल रक्षाबंधन में राखी बांधने का समय 7 घंटा 34 मिनट है। वहीं 19 अगस्त को सावन पूर्णिमा का व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाएगी, सुबह पवित्र नदियों में स्नान होगा और दान किया जाएगा। इस दिन चंद्रोदय सोमवार शाम 06:47 बजे होगा।
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ब्रह्म मुहूर्तः सुबह सोमवार 04:25 बजे से सुबह 05:09 बजे तक
अन्य स्नान मुहूर्तः सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:10 बजे
सावन पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्तः सोमवार सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
शोभनः 20 अगस्त सुबह 12:47 बजे तक ( 19 अगस्त देर रात)
सर्वार्थ सिद्धि योगः 19 अगस्त सुबह 05:58 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
रवि योगः 19 अगस्त सुबह 05:58 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
सिद्धि योगः 19 अगस्त सुबह 8.10 बजे तक
शुभ योगः 20 अगस्त सुबह 5.45 बजे तक
अमृत योगः पूरे दिन
सावन पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र का समयः सोमवार सुबह 08:10 तक, इसके बाद से धनिष्ठा नक्षत्र शुरू हो जाएगा।
सावन पूर्णिमा का व्रत चंद्र देव के लिए रखा जाता है। यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण होता है, इस साल सावन पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 06:47 बजे होगा। इसके बाद अर्घ्य देकर व्रती व्रत पूरा कर सकते हैं।