धर्म-कर्म

Mahabharat Fact: दुर्योधन पांडवों को क्यों नहीं देना चाहता था सुई के बराबर जमीन, जानिए कहानी

Mahabharat Fact:अहंकारी दुर्योधन ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर भी पांडवों को पांच गांव नहीं दिया थे। इसलिए उनको अज्ञातवास काटना पड़ा था।

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Dec 05, 2024
Mahabharat Fact

Mahabharat Fact:महाभारत राजनीति और कूटनीति का एक विशाल संग्रह माना जाता है। कौरव और पांडवों का युद्ध इस बात का प्रमुख उदाहरण भी है। इस भीषण संग्राम की एक मुख्य घटना जिसमें कौरव पांडवों को सुई की नोक के बराबर जमीन नहीं देना चाहते थे। यहां तक कि पांडवों को अज्ञातवास काटना पड़ा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर दुर्योधन पांडवों को क्यों जमीन नहीं देना चाहता था?

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक दुर्योधन पांडवों को सूई की नोक के बराबर जमीन इस लिए नहीं देना चाहता था। क्योंकि उसकी दृष्टि में पांडवों का अस्तित्व और उनका अधिकार कौरवों की सत्ता और शक्ति के लिए खतरा था। इस निर्णय के पीछे उसके कई व्यक्तिगत, पारिवारिक और अन्य राजनीतिक कारण भी थे।

शत्रुता और ईर्ष्या

मान्यता है कि दुर्योधन बचपन से ही पांडवों के प्रति ईर्ष्या रखता था। खासकर पांचों पांडवों में से अर्जुन और भीम से। क्योंकि पांडवों की वीरता और योग्यता ने दुर्योधन को हमेशा असुरक्षित महसूस कराया था। जब इंद्रप्रस्थ में पांडवों ने एक समृद्ध राज्य स्थापित किया था, तो दुर्योधन को इस बात का भ्रम हुआ कि उनके बढ़ते प्रभाव से उसका वर्चस्व खतरे में पड़ जाएगा।

जुए में हार और राज्य छीनना

दुर्योधन ने अपने मामा शकुनि के साथ मिलकर जुए में पांडवों के साथ छल से विजय प्राप्त कर ली और उनका राज्य छीन लिया। लेकिन जब वनवास और अज्ञातवास के बाद पांडव अपना अधिकार मांगने लौटे, तो दुर्योधन ने सत्ता छोड़ने से इनकार कर दिया।

दुर्योधन ने ठुकराया श्रीकृष्ण का प्रस्ताव

एक बार श्रीकृष्ण पांडवों की तरफ से शांति प्रस्ताव लेकर गए तो उन्होंन दुर्योधन से पांडवों के लिए पांच गांव मांगे। लेकिन दुर्योधन ने यह कहते हुए श्रीकृष्ण का प्रस्ताव ठुकरा दिया कि वह पांडवों को सूई की नोंक के बराबर भी जमीन नहीं देगा। इससे श्रीकृष्ण को उसका अहंकार स्पष्ट हो गया।

Published on:
05 Dec 2024 11:45 am
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