Mahabharat Fact: शकुनि कौरवों के मामा थे। इस लिए पांडवों का नाश चाहते थे। लेकिन एक समय बाद जब उनको सही और गलत का पता चला तो उनको बहुत दुख हुआ।
Mahabharat Fact: महाभारत के युद्ध में मामा शकुनि का किरदार बेहद लोकप्रिय है। क्योंकि शकुनि महाभारत की लड़ाई को चिंगारी देने के कार्य में कुशल माने जाते थे। शकुनि कौरवों के मामा होने साथ-साथ युद्ध की नीतियों के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा अधर्म का साथ दिया। लेकिन शकुनि को किस बात का पश्चाताप हुआ कि उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की? अगर नहीं जानते तो यहां जानिए।
महाभारत में मामा शकुनि को धूर्त नीतियों के लिए जाना जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि शकुनि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या भी की थी। कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध खत्म हुआ, तो शकुनि का हृदय दुख से भर गया। क्योंकि कुरुक्षेत्र के मैदान में हजारों लाशे पड़ी थीं। इस दृश्य को देखकर मामा शकुनि का मन विचलित हो गया। मान्यता है कि शकुनि को युद्ध के बाद बहुत पश्चाताप हुआ और उन्होंने भगवान शिव की तपस्या करने का प्रण लिया।
मान्यता है कि मामा शकुनि ने भगवान शिव से महाभारत युद्ध के दौरान मारे गए सभी योद्धाओं लिए मोक्ष की मांग की थी। क्योंकि युद्ध खत्म होने के बाद उनको यह आभास हुआ कि अधर्म या गलत इरादों से किया गया कोई भी कार्य मनुष्य को विनाश की ओर ले जाता है। जैसा कि मामा शकुनि ने अपनी गलत शक्तियों का उपयोग पांडवों के विरुद्ध किया था। जिससे पूरे कौरव वंश का नाश हो गया था।
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