Phulera Dooj Upay: फुलेरा दूज बेहद शुभ योग है, इस समय को अबूझ मुहूर्त में शामिल किया जाता है। मान्यता है कि फुलेरा दूज पर किए जाने वाले सभी काम में सफलता मिलती है। लेकिन फुलेरा दूज पर कुछ काम जरूर करने चाहिए, इससे भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है और दांपत्य जीवन में मिठास आती है।
Phulera Dooj Par Kya Kare: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार फुलेरा का अर्थ है फूलों का। यह तिथि फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया को पड़ती है, जो इस साल एक मार्च को है। यह त्योहार बसंत पंचमी और होली के बीच पड़ता है। मान्यता है कि फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण लोगों के साथ फूलों की होली खेलते हैं। इसके अलावा ब्रज क्षेत्र में फुलेरा दूज की पूर्व संध्या पर त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार लोगों के जीवन में खुशियां और उल्लास लाता है।
वहीं ज्योतिष शास्त्र में फूलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना गया है। मान्यता है कि इस दिन बिना मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन होली से पहले फुलेरा दूज के उपाय करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है और दांपत्य जीवन में मिठास आती है। आइये जानते हैं दांपत्य जीवन में मिठास के लिए फुलेरा दूज पर क्या करें..
ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार द्वापर युग में फुलेरा दूज पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने फूलों की होली खेली थी। मान्यता है कि यह पर्व होली के आगमन का संकेत है। इस तिथि पर फूलों की होली खेलने, भगवान कृष्ण की झांकी सजाने की परंपरा है। इसके अलावा पूर्व संध्या पर त्योहार मनाने का रिवाज है। मान्यता है कि इस दिन भक्तों को भगवान कृष्ण और राधा जी की पूजा करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम की बहार आती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फुलेरा दूज अबूझ मुहूर्त है, इस तिथि का हर पल बेहद शुभ फलदायक है। लेकिन यह तिथि भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के आध्यात्मिक मिलन का प्रतीक है। इसलिए इसे भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए फुलेरा दूज पर शादी-विवाह करने पर भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है। विवाह करने वाले युगलों के बीच अपार स्नेह और दांपत्य रिश्ता मजबूत बनता है।
मथुरा वृंदावन समेत पूरे ब्रज क्षेत्र में फुलेरा दूज का बड़ा महत्व है। वसंत पंचमी और होली के मध्य पड़ने वाले इस पर्व पर कृष्ण मंदिरों में विशेष झांकी सजाई जाती है और दर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भगवान कृष्ण को होली की तैयारी करने की मुद्रा में दर्शाया जाता है। इसलिए अन्य भक्तों को भी इस तिथि पर भगवान की पूजा करनी चाहिए और झांकी सजानी चाहिए।
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वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 01 मार्च को रात 03:16 बजे से शुरू हो रही है और तिथि का समापन 02 मार्च को रात 12:09 बजे हो रहा है। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। इस प्रकार फुलेरा दूज का पर्व 01 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।