Pitru Dosh Effects: पितृ दोष के कारण जीवन में कठिनाइयां और रुकावटें आती हैं। जानें पितृ दोष के लक्षण, दक्षिण दिशा का महत्व, श्राद्ध और पूजा विधि से मुक्ति पाने के आसान उपाय।
Pitru Dosh Effects: हिंदू धर्म में पितरों का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा विश्वास है कि यदि पितर प्रसन्न हों तो जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति बनी रहती है। वहीं, जब पितर नाराज हो जाते हैं या उनकी आत्मा तृप्त नहीं होती, तो व्यक्ति को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ही पितृ दोष कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और मुक्ति के उपाय।
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पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान विधि-विधान से करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव की आराधना विशेष फलदायी होती है। रोजाना जल में काले तिल और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। 21 सोमवार तक गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
धर्मग्रंथों में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा बताया गया है। इसलिए इस दिशा में प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाना, पितरों का स्मरण करना और उनकी तस्वीर के सामने धूप-अगरबत्ती अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है। यह उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।
पीपल के वृक्ष में पितरों का वास माना जाता है। दोपहर के समय पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना, सात बार परिक्रमा करना और उसके नीचे सरसों के तेल व काले तिल का दीपक जलाना शुभ फल देता है। इसे छायादान कहा जाता है और यह पितरों को प्रसन्न करता है।