17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Pind Daan 2025: पितरों की मोक्ष यात्रा अब डिजिटल, घर बैठे कर सकते हैं ई-पिंडदान

Pind Daan 2025: अब गया में पितृपक्ष के दौरान घर बैठे ई-पिंडदान कर पितरों को मोक्ष दिलाएं। जानें ऑनलाइन पिंडदान की प्रक्रिया, पैकेज और सुविधा। 6-21 सितंबर के लिए बुकिंग शुरू।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Aug 22, 2025

Pind Daan

Pind Daan (photo- chatgtp)

Pind Daan 2025: पितृ पक्ष का पावन पर्व इस बार 6 सितंबर से 21 सितंबर तक मनाया जाएगा। हर साल इस दौरान देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु गया पहुंचते हैं और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं। लेकिन अक्सर कई लोग दूरी, स्वास्थ्य या समय की कमी के कारण गयाजी नहीं पहुंच पाते। ऐसे श्रद्धालुओं के लिए इस बार एक बड़ी राहत की खबर है। अब घर बैठे भी पितरों के लिए ई-पिंडदान किया जा सकेगा।

बिहार पर्यटन निगम की पहल

बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) ने पितृपक्ष मेले के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष यात्रा पैकेज और ई-पिंडदान सेवा शुरू की है। इसका उद्देश्य है कि जो लोग गयाजी नहीं आ सकते, वे भी ऑनलाइन माध्यम से पिंडदान कर अपने पितरों को तर्पण कर सकें। इस सेवा के तहत देश-विदेश में रहने वाले श्रद्धालु मात्र 23,000 रुपये खर्च करके ई-पिंडदान करवा सकते हैं। इसमें गयाजी के तीन प्रमुख स्थलों विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी पर पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा।

क्या-क्या मिलेगा सेवा में?

ई-पिंडदान पैकेज में पूजा सामग्री, पुरोहित और दक्षिणा सब शामिल है। इसका मतलब है कि श्रद्धालुओं को अलग से कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा। अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी और प्रक्रिया की पुष्टि भी मिलेगी।

यात्रा पैकेज भी उपलब्ध

जो लोग खुद गयाजी जाकर पिंडदान करना चाहते हैं, उनके लिए BSTDC ने 5 प्रकार के टूर पैकेज भी जारी किए हैं। इन पैकेज में आने-जाने, ठहरने, खाने-पीने और स्थानीय धार्मिक स्थलों जैसे नालंदा, राजगीर और पुनपुन का भ्रमण शामिल है।

  • पहला पैकेज ₹21,100 से ₹40,700 तक
  • दूसरा पैकेज ₹19,950 से ₹38,500 तक
  • तीसरा पैकेज ₹18,850 से ₹36,250 तक

हर पैकेज में 1 रात और 2 दिन की सुविधा दी गई है, ताकि श्रद्धालु धार्मिक कर्मकांड के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों का भी अनुभव ले सकें।