धर्म-कर्म

Pitru Paksha 2025: इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए इसका महत्व

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध और चंद्र ग्रहण के साथ हो रही है। इन 15 दिनों में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किए जाते हैं। जानें सभी तिथियां, विधि और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय।

2 min read
Aug 08, 2025
Pitru Paksha Mela के लिए बिहार सरकार ने किया खास आयोजन। (फोटो सोर्स : AI)

Pitru Paksha 2025: देवी-देवताओं की तरह हमारे पूर्वज यानी पितर भी जीवन के सुख, शांति और मंगल कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं। मान्यता है कि पितर पितृलोक में वास करते हैं और श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों के लिए धरती पर आते हैं। इन दिनों में श्रद्धा और विधि से तर्पण, अर्पण और दान करने की परंपरा है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और वे तृप्त होकर आशीर्वाद दें।

ये भी पढ़ें

Pitru Paksha 2024: अपने पितरों को करना है खुश तो, 16 दिन के लिए छोड़ दें ये 7 काम

पितृ पक्ष की शुरुआत और चंद्र ग्रहण का संयोग

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा (निदेशिका, श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन, अजमेर) के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को पूर्णिमा तिथि से हो रही है और 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन इसका समापन होगा।

खास बात यह है कि 7 सितंबर को ही साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा, जो भारत सहित दुनिया के कई देशों में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण के कारण सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति तक मान्य रहेगा। ऐसे में पूर्णिमा श्राद्ध वाले दिन खास सावधानी रखने की जरूरत होगी।

कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका और अंटार्कटिका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारत में यह संपूर्ण रूप से दिखेगा, इसलिए धार्मिक दृष्टि से इसका प्रभाव महत्वपूर्ण रहेगा।

किस समय करें श्राद्ध और तर्पण?

नीतिका शर्मा बताती हैं कि देवी-देवताओं की पूजा सुबह या शाम को की जाती है, लेकिन पितरों के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम माना गया है। सुबह स्नान और नित्यकर्म के बाद दोपहर 12 बजे के आस-पास तर्पण और अर्पण करना श्रेष्ठ होता है।

पितृ दोष से बचाव और मोक्ष की प्राप्ति

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति पितरों को सम्मान और श्रद्धा से याद नहीं करता, उसकी कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। इससे जीवन में बाधाएं, रोग, वैवाहिक समस्याएं और आर्थिक संकट आ सकते हैं। इसलिए पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए बेहद खास होते हैं।

पितृ पक्ष 2025: श्राद्ध की सभी तिथियां

  • 7 सितंबर पूर्णिमा श्राद्ध
  • 8 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध
  • 9 सितंबर द्वितीया श्राद्ध
  • 10 सितंबर तृतीया व चतुर्थी श्राद्ध
  • 11 सितंबर पंचमी श्राद्ध
  • 12 सितंबर षष्ठी श्राद्ध
  • 13 सितंबर सप्तमी श्राद्ध
  • 14 सितंबर अष्टमी श्राद्ध
  • 15 सितंबर नवमी श्राद्ध
  • 16 सितंबर दशमी श्राद्ध
  • 17 सितंबर एकादशी श्राद्ध
  • 18 सितंबर द्वादशी श्राद्ध
  • 19 सितंबर त्रयोदशी श्राद्ध
  • 20 सितंबर चतुर्दशी श्राद्ध
  • 21 सितंबर सर्व पितृ अमावस्या
  • 22 सितंबर मातामह (नाना) श्राद्ध

ये भी पढ़ें

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में बड़े संकेत देते हैं ये 4 जीव, ना दिखें तो समझिए नाराज हैं आपके पितर

Published on:
08 Aug 2025 11:26 am
Also Read
View All

अगली खबर