Ramayan Fact:अप्सरा तारा का श्राप से यह साबित होता है कि स्वयं भगवान को भी अपने कर्मों का परिणाम भुगतना पड़ा था।
Ramayan Fact: रामायण में भगवान श्रीराम के साथ घटित हुई सभी घटनाओं को दर्शाया गया है। वहीं वाल्मीकि रामायण में एक प्रसंग ऐसा भी आता है। जहां एक अप्सरा ने भगवान श्रीराम को श्राप दे दिया था। क्योंकि भगवान राम ने छल करके उसके पति का वध कर दिया था। आइए जानते हैं पूरी कथा।
रामायण के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम की भेंट सुग्रीव से हुई। जिसके बाद उसने भगवान राम को अपने भाई बालि की करतूत के बारे में बताया। जब भगवान ने सुग्रीव की पूरी बात सुनी तो उन्होंने बालि का वध करने का निर्णय लिया। एक दिन भगवान राम ने सुग्रीव को बालि से युद्ध लड़ने के लिए भेज दिया। जिसमें उन्होंने एक पेड़ की पिछे से तीर मारकर बालि का वध कर दिया।
जब इस बात की खबर बालि की पत्नि तारा को लगी, जो कि एक अप्सरा थी। बालि की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी तारा अत्यंत क्रोधित और दुखी हुई। तारा ने राम से पूछा कि एक धर्मपरायण राजा होने के बावजूद उन्होंने क्यों अधर्म के रास्ते को अपनाया।
अप्सरा तारा ने भगवान राम को श्राप देते हुए कहा कि जिस प्रकार आपने बालि का वध छल से किया है। उसी प्रकार उन्हें भी अपने जीवन में पत्नी वियोग का दुःख सहना पड़ेगा। इस श्राप का परिणाम आगे चलकर सीता के वनवास और राम-सीता के वियोग के रूप में प्रकट हुआ।
धार्मिक मान्यता है कि बालि की पत्नि तारा बुद्धिमान और चतुर महिला थी। उन्होंने कई अवसरों पर नीति और कूटनीति का परिचय दिया। बालि के वध के बाद, तारा ने न केवल राम के कार्य की आलोचना की, बल्कि सुग्रीव को भी राजा बनने के बाद न्याय के मार्ग पर चलने की सलाह दी।
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