Sawan Shani Pradosh mantras: हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष कहा जाता है। सावन में इसका महत्व और बढ़ जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अननुसा शनि प्रदोष पर शिव जी के इन मंत्रों का जाप करेंगे शनि महादशा में राहत मिलेगी और चंद्रमा मजबूत होंगे। आइये जानें शनि प्रदोष पूजा मुहूर्त और सावन शनि प्रदोष मंत्र...
Sawan Shani Pradosh mantras: पंचांग के अनुसार हर महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। शनि वार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष कहलाता है। इस दिन शिवजी की पूजा शनि देव को भी प्रसन्न करता है। इन दिनों सावन महीना चल रहा है, सावन महीने में शनि प्रदोष व्रत का महत्व और बढ़ जाता है।
इस समय शिवजी की पूजा और व्रत से शनि देव प्रसन्न होकर शनि की महादशा में राहत देते हैं। साथ ही चंद्रमा भी मजबूत होते हैं। इससे भक्त का भाग्य साथ देता है और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। विशेष बात है, जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है।
सावन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी प्रारंभः 17 अगस्त सुबह 8.05 बजे
सावन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी समापनः 18 अगस्त सुबह 5.51 बजे
शनि प्रदोष व्रतः 17 अगस्त 2024
शनि प्रदोष व्रत पूजा का समयः 17 अगस्त शाम 06.51 से रात 9.04 बजे
अवधि - 02 घण्टे 13 मिनट्स
ये भी पढ़ेंः
प्रीतिः 17 अगस्त 10:48 बजे तक
आयुष्मान योगः पूरे दिन
ये भी पढ़ेंः
3. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
रुद्र मंत्रः इस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है। मान्यता है कि ये मंत्र शिव जी तक शीघ्र पहुंचता है और सभी मनोकामनाएं पूरी करता है।
4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
शिव गायत्री मंत्रः ये शिव गायत्री मंत्र है, जिसे सर्वशक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र से व्यक्ति को सुख और शांति की प्राप्ति होती है।