धर्म-कर्म

मंगलवार शनिवार पढ़ें सुंदरकांड बनने लगेंगे बिगड़े काम, बजरंगबली के साथ इस क्रूर ग्रह का भी मिलेगा आशीर्वाद, जानें क्या-क्या लाभ

Sundarkand in hindi: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग में कई लोग अमर हैं और वेश बदलकर जीवन बिताते हैं। बजरंगबली को भी इन्हीं में से एक माना जाता है। मान्यता है कि जहां जहां रामचरित मानस या सुंदरकांड का पाठ होता है, वहां बजरंगबली आकर कथा सुनते हैं और भक्त की मदद करते हैं। ऐसे में मंगलवार शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने वाले की मनोकामना जरूर पूरी होती है। आइये जानते हैं इससे क्या-क्या लाभ होता है।

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Dec 13, 2024
Sundarkand in hindi: सुंदरकांड पाठ का लाभ

Sundarkand in hindi: हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूरी होती है। इस संबंध में जयपुर के ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास कहते हैं कि रामचरितमानस में भगवान के गुणों का बखान किया गया है, उनकी महिमा बताई गई है। लेकिन इसमें भी रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे निराली है।


इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है। मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है। इसलिए मंगलवार शनिवार को इसका पाठ शुभ फल देता है। आइये जानते हैं क्या-क्या लाभ होता है।

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शनिदेव करते हैं कल्याण

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शनिदेव हनुमानजी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं। शनिदेव की दशा के प्रभाव को कम करने के उपायों में से एक है हनुमानजी की पूजा और शनिवार को यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंगबली तो प्रसन्न होंगे ही, शनिदेव भी आपको आशीर्वाद देंगे। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं, उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती।

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हर मनोकामना होती है पूरी

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार मान्यताओं के अनुसार सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। मान्यता है कि सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्दी पूरी होती है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं, लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।

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सुंदरकांड पढ़ने के लाभ

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती।

यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।

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आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है। शास्त्रीय मान्यताओं में ही नहीं, विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।

इस पाठ की एक.एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।

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शनि दशा में लाभ

ज्योतिषाचार्य व्यास के अनुसार शनिदेव स्वयं हनुमानजी के भक्त हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों पर शनि की ढैय्या फिर साढ़ेसाती चल रही हो, वे अगर रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें तो शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है। शनि बिना कुछ बुरा किए इस पूरी महादशा की अवधि को गुजार देते हैं।

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