Surya Dev: सूर्य देव के रथ के सात घोड़ों निरंतर गति में रहते हैं। जो हमें प्रकृति, ऊर्जा और जीवन के संतुलन को समझने की प्रेरणा देते हैं।
Surya Dev: सनातन धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व है। इनको समस्त भूमंडल का ऊर्जा का स्रोत माना गया है। धार्मिक ग्रंथों अनुसार सूर्य देव का रथ में सात घोड़े लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य देव के रथ में सात घोड़े ही क्यों लगे हैं? इससे ज्यादा या कम क्यों नहीं?
सूर्य देव के रथ को सात घोड़े खींचते हैं। इसका धार्मिक ग्रंथों और आध्यात्मिक दृष्टी से बहुत गहरा अर्थ है। यह सात घोड़े सूर्य देव के रथ की गति को तो दर्शाते ही हैं। वहीं जीवन और प्रकृति के कई पहलुओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इनका महत्व।
सात रंग- सूर्य के प्रकाश की किरणों में सात रंग ( बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल और जामुनी) होता हैं। ये रंग जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
सप्त ऋषि और सात चक्र- हिंदू परंपरा के अनुसार सूर्य देव के रथ के सात घोड़े मानव शरीर के सात चक्रों और सप्त ऋषियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिससे आत्मा और शरीर के बीच संतुलन बना रहता है।
सात दिन- ये सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों का भी प्रतीक माने जाते हैं। जिसमें हर दिन ऊर्जा और कर्म के महत्व को दर्शाया गया है।
ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक- भगवान सूर्य देव को ज्ञान और प्रकाश का दाता कहा जाता है। उनके रथ में लगे सात घोड़े इस बात को दर्शाते हैं कि सूर्य का प्रकाश हमें अज्ञानता और अंधकार से बाहर निकालता है।
अविरल गति- सूर्य देव के सतों घोड़े निरंतर गतिमान रहते हैं। जो जीवन में कर्म और प्रयत्न के महत्व को दर्शाता है। ये हमारे कर्म और विचारों को संतुलित रखते हैं औस साथ निरंतर गतिमान रहने की प्रेरणा देते हैं।
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