धर्म-कर्म

Tulsi Mala: क्या आप भी गले में पहनते है तुलसी माला? तो यहां जानिए इससे जुड़े नियम और महत्व

Tulsi Mala: तुलसी धारण करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही घर में सुख शांति का आगमन होता है और मां लक्ष्मी जी का भरपूर आशीर्वाद मिलता है।

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Feb 08, 2025
तुलसी धारण के नियम

Tulsi Mala: हिंदू धर्म में तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यह अत्यंत पवित्र और पूज्यनीय होती है। इसलिए लोग तुलसी को गले में धारण करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी माला पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं तुलसीधारण के नियम और महत्व।

तुलसी माला का महत्व

तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय बताया गया है। जिस प्रकार शिव भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं। उसी प्रकार विष्णु भक्त तुलसी की माला पहनते हैं। मान्यता है कि तुलसी माला पहनने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

तुलसी माला धारण करने के नियम

तुलसी माला पहनने से पहले स्नान करना आवश्यक है। अशुद्ध अवस्था में इसे धारण नहीं करना चाहिए। तुलसी माला को सोते समय उतार देना चाहिए, खासकर यदि आप विवाहित हैं। जो लोग तुलसी माला पहनते हैं, उन्हें मांसाहार, शराब, तंबाकू आदि से दूर रहना चाहिए।

तुलसी माला को टूटने या खराब होने पर गंगा जल में प्रवाहित कर देना चाहिए और नई माला धारण करनी चाहिए। तुलसी माला को गले में पहनना अधिक शुभ माना जाता है, लेकिन इसे कलाई में भी पहना जा सकता है।

अनावश्यक रूप से तुलसी माला को छूने या खेलने से इसकी ऊर्जा प्रभावित होती है। कई लोग स्नान के दौरान माला उतार देते हैं, लेकिन यदि आप इसे उतारते हैं, तो किसी पवित्र स्थान पर रखें।

तुलसी माला पहनने के लाभ

यह व्यक्ति के मन को शांत करता है और ध्यान में मदद करता है। तुलसी माला पहनने से व्यक्ति बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। तुलसी के औषधीय गुण होने के कारण इसकी माला पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इसे धारण करने से व्यक्ति का मन सात्विक और पवित्र रहता है, जिससे उसकी सोच सकारात्मक बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी माला पहनने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति में सहायता मिलती है।

कौन पहन सकता है तुलसी माला

तुलसी माला धारण करने की कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त मानी जाती है जो भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण या राम के भक्त हैं। यह माला भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है और उन्हें ईश्वर के करीब लाती है।

तुलसी माला सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि यह व्यक्ति के आध्यात्मिक और मानसिक कल्याण का एक साधन भी है। इसके नियमों का पालन करके और श्रद्धा भाव से इसे धारण करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। यदि आप भी आध्यात्मिक शांति और सकारात्मकता की खोज में हैं, तो तुलसी माला पहनना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
08 Feb 2025 10:12 am
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