धर्म-कर्म

Varad Chaturthi 2025: कब मनाई जाएगी वरद तिल चतुर्थी, जानें डेट और महत्व

Varad Chaturthi 2025: इस शुभ दिन पर गणेश भगवान को तिल और गुड़ का भोग लगाना और प्रसाद वितरण करना शुभ माना जाता है। यह व्रत जीवन में सुख, समृद्धि, और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।

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Jan 22, 2025
Varad Til Chaturthi 2025

Varad Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में हर तिथि को कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। माघ मास की गणेश चतुर्थी का भी विशेष महत्व है। जिसे वरद तिल चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इसे तुलकुंद चतुर्थी भी कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा का महत्वपूर्ण दिन है। यह पर्व माघ माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश पूजा विशेष महत्व है। आइए जानते हैं तारीख।

2025 वरद तिल चतुर्थी तिथि (2025 varad til chaturthi date)

इस वर्ष वरद तिल चतुर्थी का पर्व 1 फरवरी 2025 शनिवार को मनाया जाएगा। इस माघ पक्ष की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का शुभ समय 1 फरवरी की सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर शुरुआत होगी। वहीं अगले दिन 2 फरवरी को सुबह के 9 बजकर 14 मिनट पर संपन्न होगी। इस दिन व्रत करने और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का निवारण होता है।

वरद तिल चतुर्थी व्रत का महत्व (Importance Of Varad Til Chaturthi Fast)

भगवान गणेश की कृपा: इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।

समृद्धि और सुख: इस दिन विशेष पूजा-अर्चना से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनकी पूजा से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।

व्रत विधि (Fasting Method)

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।

भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पीले वस्त्र पर स्थापित करें।

दीप जलाएं और भगवान गणेश को तिल, गुड़, और मोदक का भोग लगाएं।

गणेश चालीसा और गणेश मंत्रों का जाप करें।

शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।

वरद तिल चतुर्थी पर विशेष उपाय (Special Measures On Varad Til Chaturthi)

भगवान गणेश को तिल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।

गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, तिल, और वस्त्र दान करें।

गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।

गणेश जी की पूजा से सिद्ध होते हैं सभी कार्य (All tasks are accomplished by worshiping Lord Ganesha)

वरद तिल चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। इस दिन की पूजा और व्रत से मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है। यदि शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
22 Jan 2025 09:53 am
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