भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार सुबह कृषि उपज मंडी कार्यालय में45 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े मंडी सचिव कैलाश चंद मीणा को शनिवार को भरतपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपित मंडी सचिव को कोर्ट ने 12 दिसम्बर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
- आढ़त व्यापार के लाइसेंस के लिए ली थी 45 हजार की रिश्वत
धौलपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार सुबह कृषि उपज मंडी कार्यालय में45 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े मंडी सचिव कैलाश चंद मीणा को शनिवार को भरतपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपित मंडी सचिव को कोर्ट ने 12 दिसम्बर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
कार्यवाहक एएसपी भरतपुर एवं सीआई जगदीश भारद्वाज ने बताया कि आरोपित मंडी सचिव को भरतपुर स्थित कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेसी कर दिया। उन्होंने बताया कि एक अन्य टीम ने उनके जयपुर स्थित मकान पर सर्च किया है। सर्च में क्या मिला यह रिपोर्ट आने ही मालूम होगा। सीआई ने बताया कि उक्त प्रकरण में एक मंडी सचिव ही सीधे रिश्वत लेते पकड़े गए हैं।
गौरतलब रहे कि आढ़त व्यापार के लिए व्यापारी को लाइसेंस जारी करने की एवज में मंडी सचिव मीणा ने ५० हजार की रिश्वत मांगी थी। जिस पर सौदा45हजार में हो गया। पीडि़त से शुक्रवार सुबह कार्यालय में बुलाकर रिश्वत राशि ली, जिस पर एसीबी टीम ने उन्हें धरदबोचा।
एसीबी कार्रवाई से दूसरे विभाग सतर्क...
उधर, एसीबी की बीते दो माह में लगातार दो बड़ी कार्रवाई से अन्य महकमों में खलबली मच गई है। मंडी सचिव मीणा के सुबह रंगे हाथ पकड़े जाने पर सरकारी दफ्तरों के कार्मिक से लेकर अधिकारियों में हलचल दिखी। उधर, मंडी सचिव के पकड़े जाने की खबर शनिवार सुबह अन्य लोगों को मिली तो मंडी में चाय खोखा पर एक व्यक्ति बोला...यह तो होना ही था। साहब अपने नियम कानून बना रखे थे। बता दें कि ट्रेप कार्रवाई की खबर लगते ही मंडी व्यापारी कार्यालय पहुंच गए और ताली बजाकर खुशी जताई।