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ठंड से ही नहीं बीमारियों से भी बचाती है ये 5 हरी सब्जियां

Green vegetables protect cold: सर्दी में हरी सब्जियां आपको कई बीमारियों से बचाती है। इनका सेवन आपको ठंड से बचाने में भी कारगर हेाता है।

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Nov 27, 2024
Green vegetables protect cold

Green vegetables protect cold: सर्दियों में हरी सब्जी का सेवन आपको ठंड के साथ बीमारियों से भी बचाता है। हरी सब्जी हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी मानी जाती है। ये सब्जियां ठंड से बचाने के साथ ही आपका इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग रखती है। आज हम ऐसी 5 हरी सब्जियों के बारे में बाम करेंगे जो आपको ठंड के साथ कई बीमारियों से भी निजात देगी।

पालक

पालक को सर्दियों के लिए सुपरफूड माना जाता है। पालक में आयरन, कैल्शियम और विटामिन A,C,K अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर को गर्म रखने,हड्डियों को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। पालक का सेवन आप सूप, परांठे, या सब्जी के रूप में कर सकते हैं।

सरसों का साग

सरसों का साग सर्दियों में खुब खाया जाता है। इसमें विटामिन ए, के और आयरन का भरपूर होता है। यह शरीर को डिटॉक्स कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे खाने से पूरा दिन एनर्जी से भरा रहता है साथ ही हमें ठंड का कम अहसास होता है।

हरा धनिया

हरा धनिया न केवल खाने में स्वाद और सुगंध को बढ़ाता है, बल्कि यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी का भी अच्छा स्रोत है। यह सर्दियों में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और शरीर को गर्म रखने में सहायक होता है। धनिया का प्रयोग चटनी, सूप और सलाद में किया जा सकता है।

बथुआ

यह फाइबर, विटामिन ए, कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और त्वचा के लिए भी लाभकारी है। सर्दियों में बथुआ का पराठा, रोटी या रायता खाने के लिए उत्कृष्ट विकल्प है। यह एक प्रकार का जंगली पौधा है।

हरी मेथी

हरी मेथी में फाइबर, आयरन और प्रोटीन की प्रचुरता होती है। चिकित्सकों के अनुसार, यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, रक्त शर्करा को संतुलित करने और सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मददगार है। मेथी का उपयोग पराठे, सब्जी या लड्डू बनाने में किया जा सकता है। इसके अलावा, मेथी के दानों को पीसकर बुजुर्गों को लड्डू बनाकर देने से उनके घुटनों के दर्द में राहत मिलती है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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