mp news: औचक निरीक्षण पर पहुंचीं कलेक्टर को अस्पताल से नदारद मिले सिविल सर्जन सहित कई डॉक्टर व स्टाफ, जमकर लगाई फटकार...।
mp news: मध्यप्रदेश के डिंडौरी में कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन व अन्य डॉक्टर्स सहित नर्सिंग स्टाफ के 33 सदस्यों को नोटिस जारी किए हैं। कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया शुक्रवार को जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण पर पहुंची थीं। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन सहित कई डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ नदारद मिले जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए जमकर फटकार भी लगाई।
कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे औचक निरीक्षण करने के लिए जिला अस्पताल पहुंची। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन सहित कई डॉक्टर अपने कक्षों से नदारद मिले, जिस पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताई और सभी अनुपस्थित चिकित्सकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ओपीडी, इमरजेंसी, दवा वितरण केंद्र, प्रसूति कक्ष, एनआरसी, सीटी स्कैन, एक्स-रे, लैब, आयुष्मान कार्ड कक्ष, महिला-पुरुष वार्ड, दंत व मानसिक रोग विशेषज्ञ कक्ष सहित सिविल सर्जन कार्यालय का निरीक्षण किया। कई कक्षों में डॉक्टर नहीं मिलने से मरीज परेशान नजर आए। इस दौरान मरीजों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर सरकारी अस्पताल से ज्यादा समय निजी क्लीनिकों में दे रहे हैं।
मरीजों की शिकायत सुनने के बाद नाराज कलेक्टर ने तुरंत सिविल सर्जन डॉक्टर अजय राज को फोन लगाया। कलेक्टर का फोन आते ही कुछ देर में सिविल सर्जन अस्पताल पहुंचे तो कलेक्टर ने उन्हें फटकार लगाई जिस पर सिविल सर्जन सॉरी बोलते नजर आए। कलेक्टर ने सिविल सर्जन से कहा कि सॉरी बोलने से काम नहीं चलेगा। आपको तो यहां बैठना नहीं है और गैरहाजिर डॉक्टरों से भी कह दीजिए कि ताला लगा दें घर बैठें, प्राइवेट प्रैक्टिस करें, अपना जीवन जिए।
कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने औचक निरीक्षण के दौरान नाराजगी जताते हुए 9 चिकित्सकों सहित 24 स्टाफ नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जिन्हें नोटिस जारी किए हैं उनमें चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश सिंह मरावी, डॉ. अरूनेन्द्र मूर्ति गौतम, डॉ. मिनी मोरवी, डॉ. डीके रंगारे, डॉ. धनराज सिंह, डॉ. अजय राज (सिविल सर्जन/मुख्य अधीक्षक), डॉ. कन्हैया बघेल, डॉ. शिवम परोहा, डॉ. अमित जैन सहित 24 स्टाफ नर्स शामिल हैं। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि संबंधित डॉक्टरों एवं स्टाफ नर्सों का यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है। सभी को निर्देशित किया गया है कि वे दिनांक 29 दिसंबर 2025 को सायं 6:00 बजे तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। निर्धारित समय-सीमा में संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में वेतन कटौती सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।