डिंडोरी

राष्ट्रपति के सामने प्रदेश की बैगा बेटी ने सुनाई संघर्ष से सफलता की कहानी, गांव से 20 साल का जलसकंट खत्म

mp news: नई दिल्ली में जलशक्ति मंत्रालय के 8वें भारत जल सप्ताह में एमपी के डिंडोरी के पोड़ी गांव की उजियारी बाई ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सामने कहा, उसने कहा, पेड़ है तो पानी है, पानी है तो जिंदगानी है...

less than 1 minute read
Sep 18, 2024
नई दिल्ली में भारत मंडपम् में उजियारी बाई ने सुनाई सफलता की कहानी।

सभी को राम-राम जोहार। जंगल बिन पानी नहीं, पानी बिना जन नहीं…हम बैगा समुदाय प्रकृति पर ही निर्भर हैं। 20 साल पहले हमारे गांव में जंगल की कटाई होती थी। पानी की दो झिरियों पर गांव के 100 परिवार निर्भर थे। 3 किमी घाटी चढ़कर पानी लाते थे। फागुन तक पानी खत्म हो जाता था। निस्तार भी वहीं होता था, दूषित पानी से 2004 में एक साथ 18 लोग डायरिया से मर गए। तब मैंने ठाना और छोटी पहल ने गांव की तस्वीर बदल दी।

पेड़ बचाए। नए जलस्त्रोत बनाए। अब पूरे साल पानी है। अपने संघर्ष से गांव की तस्वीर बदलने वाली डिंडोरी के पोड़ी गांव की उजियारी बाई ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सामने अपनी कहानी सुनाई। नई दिल्ली में जलशक्ति मंत्रालय के 8वें भारत जल सप्ताह का राष्ट्रपति ने शुभारंभ किया। इस दौरान उजियारी ने गांव के उजियारे की दास्तां बयां की। उसने कहा, पेड़ है तो पानी है, पानी है तो जिंदगानी है।

रंग लाने लगी पांच साल की मेहनत

उजियारी ने कहा, पहले जंगल बचाने की शुरुआत की। हर परिवार को समझाया। पहले 4-5 लोग आए, बाद में पूरा गांव साथ आया। समूह, जंगल-जल समिति बनाई। ग्रामसभा से जंगल बचाने नियम-कानून बनवाए। पेड़ों की कटाई बंद हुई। 5 साल की मेहनत के बाद पानी जमीन में जमा होने लगा। नए जल स्रोत बने, अब हर घर में नल का जल है।

ये भी पढ़ें:

Updated on:
18 Sept 2024 03:05 pm
Published on:
18 Sept 2024 07:37 am
Also Read
View All

अगली खबर