Heart diseases : फुडान विश्वविद्यालय के अध्ययन में पाया कि वायु प्रदूषण, अस्वस्थ आहार और उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) जैसे कारक दिल की बीमारियों के बढ़ने के प्रमुख कारण हैं। यह अध्ययन PLOS ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
Heart diseases : हालांकि दुनिया भर में स्ट्रोक और इस्कीमिक हार्ट डिजीज(Ischemic heart disease) के मामले कम हो रहे हैं, कुछ क्षेत्रों में इन बीमारियों के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। एक अध्ययन के अनुसार, इन बढ़ते मामलों के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जैसे अस्वस्थ आहार, उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और वायु प्रदूषण।
फुडान विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस अध्ययन में 1990 से 2019 तक के डेटा का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक स्तर पर इस्कीमिक हार्ट डिजीज (Ischemic heart disease) के मामले 316 से घटकर 262 प्रति 1,00,000 लोग हो गए हैं, जबकि स्ट्रोक के मामले 181 से घटकर 151 प्रति 1,00,000 हो गए हैं।
हालांकि यह गिरावट वैश्विक स्तर पर देखी जा रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका उल्टा ट्रेंड देखा गया है। जैसे- पूर्वी और पश्चिमी उप-सहारा अफ्रीका, पूर्वी और मध्य एशिया और ओशिनिया में इन (Heart diseases) बीमारियों के मामलों में वृद्धि हो रही है। इस बढ़ोतरी के पीछे कई प्रमुख कारणों की पहचान की गई है।
इस अध्ययन में कुल आठ मुख्य कारणों को इस बढ़ोतरी का जिम्मेदार ठहराया गया है:
अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव और शहरीकरण से जुड़ी जीवनशैली में बदलाव के कारण कई विकासशील देशों में इन बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर, बढ़ते प्रदूषण, अस्वस्थ आहार, और मोटापे के कारण लोग अधिक खतरे में हैं।
इस अध्ययन के अनुसार, समृद्ध देशों ने बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और जीवनशैली में सुधार के चलते इन (Heart diseases) बीमारियों के मामलों में कमी देखी है, लेकिन उन देशों में जो तेजी से आर्थिक परिवर्तन से गुजर रहे हैं, जैसे- विकासशील और उभरते हुए देश, स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ और भी बढ़ सकती हैं।
अध्ययन के लेखकों का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए स्वस्थ आहार को बढ़ावा देना, कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और वायु गुणवत्ता में सुधार लाना जरूरी है। इसके साथ ही, कार्यस्थल पर होने वाली शारीरिक समस्याओं पर भी ध्यान देना होगा।
"इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक-आर्थिक विकास, जीवनशैली में बदलाव, और हृदय रोग के बीच जटिल संबंध हैं," शोधकर्ताओं ने कहा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हर क्षेत्र के लिए विशिष्ट रणनीतियाँ बनाई जानी चाहिए ताकि इन स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
विकसित देशों में जहां स्वास्थ्य देखभाल और जीवनशैली में सुधार हुए हैं, वहीं विकासशील देशों को इन स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए अधिक सतर्कता और उपायों की आवश्यकता है। बेहतर आहार, प्रदूषण में कमी और कार्यस्थल पर ध्यान देने से इस बढ़ते संकट को रोका जा सकता है।