CBSE APAAR ID Mandatory 2026: सीबीएसई ने 2026 से कक्षा 9-12 के पंजीकरण और बोर्ड परीक्षा के लिए अपार आईडी अनिवार्य कर दी है। जानिए क्या है अपार आईडी और क्यों है जरूरी।
CBSE APAAR ID Mandatory 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब 2026 से 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन तथा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए अपार आईडी (APAAR ID) देना अनिवार्य होगा। यह यूनिक डिजिटल पहचान न केवल छात्रों के पूरे शैक्षणिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखेगी बल्कि फर्जी डाक्यूमेंट्स और डेटा गड़बड़ी जैसी समस्याओं को भी खत्म करेगी।
जून 2025 में हुई CBSE की बैठक में तय हुआ कि अब छात्रों के पंजीकरण को मानकीकृत पहचान से जोड़ा जाएगा। पहले 9वीं-11वीं के पंजीकरण और 10वीं-12वीं की परीक्षा सूची (LOC) बिना किसी तय पहचान प्रणाली के भेजी जाती थी जिससे डेटा में गड़बड़ी और वेरिफिकेशन में दिक्कत होती थी।
शिक्षा मंत्रालय ने इसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एजुकेशन का हिस्सा बताया है जिसका उद्देश्य हर छात्र को आजीवन और आसानी से उपलब्ध डिजिटल शैक्षणिक रिकॉर्ड देना है।
अपार आईडी एक 12 अंकों का यूनिक नंबर है जो हर छात्र को दिया जाता है। इसके जरिए मार्कशीट, सर्टिफिकेट और डिग्री जैसे सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रखे और आसानी से देखे जा सकते हैं। यह आईडी पूरे शैक्षणिक सफर में स्थायी रहती है और लाइफटाइम वैलिड है। अपार आईडी का पूरा नाम Automated Permanent Academic Account Registry है।
CBSE ने कहा है कि पंजीकरण से पहले हर छात्र की अपार आईडी बनवाना जरूरी है। यह आईडी आइडेंटिटी वेरीफिकेशन और अन्य आधिकारिक कामों में भी इस्तेमाल होगी। इससे शिक्षा में डिजिटल प्रक्रिया तेज होगी और छात्रों के रिकॉर्ड संभालना आसान और साफ-सुथरा हो जाएगा।