Chaprasi Bharti: 10वीं बोर्ड में 99.7 प्रतिशत लाने वाला एक शख्स खबरों में है। 23 साल के प्रभुलक्ष्मीकांत लोकरे ने हाल ही में अपने शानदार मार्क्स के दम पर कर्नाटक के कोप्पल जिले की स्थानीय अदालत में चपरासी की नौकरी हासिल की थी।
Chaprasi Bharti Fraud: 10वीं बोर्ड में 99.7 प्रतिशत लाने वाला एक शख्स खबरों में है। 23 साल के प्रभुलक्ष्मीकांत लोकरे ने हाल ही में अपने शानदार मार्क्स के दम पर कर्नाटक के कोप्पल जिले की स्थानीय अदालत में चपरासी की नौकरी हासिल की थी। लेकिन अब उनकी डिग्री जांच का विषय बन गई है।
दरअसल, प्रभुलक्ष्मीकांत लोकरे का नाम चपरासी भर्ती परीक्षा (Chaprasi Bharti Exam 2024) की फाइनल मेरिट लिस्ट में आया था। चपरासी की नौकरी पाने के बाद उनकी पोस्टिंग यादगीर में जिला और सत्र न्यायालय में हो गई। इससे पहले वे कोप्पल कोर्ट में सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत थे।
यहां तक तो सब ठीक चल रहा था। लेकिन लोकरे की इस उपलब्धि ने कोप्पल कोर्ट के जज का ध्यान अपनी ओर खींचा। जज के मन में संदेह पैदा हुआ क्योंकि उन्हें (लोकरे) कन्नड़ भाषा में लिखना और पढ़ना तक नहीं आता। जज की इस निजी शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। वहीं अब कोर्ट ने प्रभुलक्ष्मीकांत के शैक्षणिक दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करने के आदेश दिए हैं।
अप्रैल के महीने में प्रभुलक्ष्मीकांत के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई। इसके मुताबिक प्रभुलक्ष्मीकांत ने 7वीं कक्षा के बाद सीधे 10वीं कक्षा में हिस्सा लिया और 625 में 623 अंक हासिल किया। लेकिन इतने अच्छे प्रदर्शन के बाद भी उन्हें कन्नड़, हिंदी या अंग्रेजी में पढ़ना-लिखना नहीं आता। यही कारण है कि उनकी योग्यता जांच के घेरे में आई।
लक्ष्मीकांत ने अपने बचाव में कहा कि वह 2017-18 में कक्षा 10वीं की परीक्षा में एक प्राइवेट उम्मीदवार के तौर पर शामिल हुआ था। यह परीक्षा दिल्ली शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई थी। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा कर्नाटक के बगला कोटे जिले के एक संस्थान में हुई थी।