NEET UG:नीट यूजी परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आ गया है। इधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब इस मामले को लेकर कोई संशय नहीं। पेपर लीक के कोई सबूत नहीं मिले हैं। विपक्ष राजनीति करना बंद करें।
NEET UG Controversy: नीट यूजी परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से फैसला आया है। करीब 24 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए द्वारा मनमाने ढ़ंग से ग्रेस मार्क्स दिए जाने को गलत ठहराया। साथ ग्रेस मार्क्स को खारिज करने का आदेश दिया। हालांकि, 1563 छात्रों नीट री-एग्जाम (NEET Re-Exam) दे सकते हैं। री-एग्जाम का रिजल्ट 30 जून तक जारी कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी नीट यूजी परीक्षा को रद्द करना उचित फैसला नहीं होगा। इधर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नीट पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही पेपर लीक की बातों को ठहराया बेबुनियाद।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि वे सभी मामलों पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। एनटीए देश की प्रतिष्ठत संस्थान है। कुछ एक दो लोग द्वारा गड़बड़ी की गई है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद अब नीट मामले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “नीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। करीब 24 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। देश और विदेश के करीब 4500 सेंटर पर 13 भाषाओं में परीक्षा हुई। दो सेट में प्रश्न पत्र आए। 6 परीक्षा केंद्र में भूल से गलत सेट बांटे गए। इन केंद्रों पर 1563 छात्रों ने परीक्षा दी थी। छात्रों के समय की बर्बादी को देखते हुए एनटीए ने ग्रेस मार्किंग प्रावधान के तहत उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए। इनमें से कुछ छात्रों के 100 प्रतिशत अंक आ गए। परिणाम आने के बाद कुछ लोग कोर्ट चले गए। एनटीए ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। 23 जून को उन 1563 छात्रों को री-एग्जाम का विकल्प दिया गया। ऐसे छात्र जो री-एग्जाम नहीं देना चाहते हैं, वे ओरिजनल मार्क्स दिखाएं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नीट यूजी पेपर लीक (NEET UG Paper Leak) का कोई प्रमाण नहीं है। कमेटी में देश के बड़े-बडे़ शिक्षाविद हैं। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस मामले को राजनीतिक बहस का रूप दे रहे हैं। विपक्ष पहले ईवीएम के पीछे थे और अब नीट के। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में कोई संशय नहीं है। उन्होंने पेपर लीक के आरोप को गलत ठहराया, और कहा बाकी मुद्दों पर 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला लिया जाएगा।