IIT Admission: आईआईटी में अलग अलग कोर्सेज के तहत विभिन्न प्रकार की प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। आइए, जानते हैं इनकी बारे में-
IIT Admission: 12वीं की पढ़ाई के बाद बहुत से छात्र इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। वे 11वीं-12वीं के बाद IIT में पढ़ने का सपना देखते हैं। हालांकि, आईआईटी में दाखिला मिलना इतना आसान नहीं है। यहां प्रवेश पाने के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रैक करना होता है। कई छात्रों को लगता है कि आईआईटी में पढ़ाई करने के लिए सिर्फ जेईई परीक्षा पास करनी होती है। लेकिन ऐसा नहीं है, विभिन्न कोर्सेज के लिए अलग-अलग स्तर की प्रवेश परीक्षाएं हैं।
आईआईटी (IIT Admission) में अंडर ग्रेजुएट कोर्स (BTech/BArch) में दाखिला पाने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) परीक्षा पास करनी होती है। जेईई परीक्षा दो राउंड में होती है, मेन्स और एडवांस। यदि आप बीटेक, बीएस, डुअल डिग्री और आईडीडीडीपी प्रोग्रामों के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इस परीक्षा को दे सकते हैं। दोनों ही राउंड की परीक्षा में पास करना जरूरी है। एक कैंडिडेट लगातार दो बार ही जेईई परीक्षा दे सकता है। इस परीक्षा में कुल अंकों के आधार पर रैंक लिस्ट तैयार की जाती है।
सभी पोस्ट ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्ट व साइंस कोर्सेज में दाखिला पाने के लिए गेट परीक्षा दी जाती है। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। गेट 2025 परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है।
अंडरग्रेजुएट कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन (UCEED) आईआईटी में बीडीएस कोर्सेज के लिए है। ऐसे छात्र जो 12वीं के बाद किसी अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में शामिल होना चाहते हैं, वे इस स्ट्रीम से ग्रेजुएशन कर सकते हैं। कोई भी कैंडिडेट्स इस परीक्षा में दो बार से ज्यादा नहीं शामिल हो सकते हैं।
ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम फॉर मास्टर्स (JAM) के जरिए आप विभिन्न साइंस और टेक्नोलॉजी विषयों में MSc और एकीकृत PhD कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। JAM के जरिए IIT और IISc में दाखिला पाया जा सकता है। JAM के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं और यह 11 अक्टूबर तक जारी रहेंगे।
ऐसे छात्र जो आईआईटी (IIT Admission) से डिजाइन में मास्टर्स या पीएचडी की डिग्री लेना चाहते हैं, उन्हें कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (CEED) पास करनी होती है। CEED देने वाले छात्र IIT में MDes, PhD प्रोग्राम में दाखिला ले सकते हैं। परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए अंक एक वर्ष के लिए वैध होते हैं।