शिक्षा

Success Story: बेटे की पढ़ाई के लिए मां ने छोड़ी नौकरी, प्रथम रैंक हासिल करके बेटा बन गया JEE टॉपर

JEE Main Topper Success Story: जेईई मेन परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है।ओडिशा के रहने वाले ओम प्रकाश ने जेईई मेन 2025 परीक्षा में उम्दा प्रदर्शन किया। यहां देखें उनकी सक्सेस स्टोरी

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Feb 14, 2025

JEE Main Topper Success Story: जेईई मेन परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इसमें करीब 14 छात्रों ने 100 परर्सेंटाइल हासिल किया है। इसमें से एक हैं ओम प्रकाश बेहरा। ओडिशा के रहने वाले ओम प्रकाश ने जेईई मेन 2025 परीक्षा में उम्दा प्रदर्शन किया है। उन्होंने 300 में 300 अंक हासिल किए हैं। उनकी इस सफलता में उनकी मां ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। ओम बेहरा की मां ने उनकी पढ़ाई के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी।

बेटे की सफलता के लिए मां ने छोड़ दी नौकरी

ओम को स्कूल के दिनों से ही फिजिक्स और मैथ्य में काफी दिलचस्पी थी। ऐसे में उन्होंने 10वीं के बाद तय कर लिया था कि उन्हें इंजीनियरिंग ही करनी है। एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में ओम ने बताया कि वे शुरुआत में सेल्फ स्टडी कर रहे थे लेकिन फिर उनके एक परिचित ने उन्हें कोटा जाकर पढ़ाई करने की सलाह दी। आइए जानते हैं ओम बेहरा की सक्सेस स्टोरी और जानते हैं जेईई परीक्षा के लिए उन्होंने क्या स्ट्रैटजी अपनाई थी। 

ओम बेहरा की सफलता न सिर्फ उनकी सफलता है बल्कि उनके पूरे परिवार की सफलता है। ओम बेहरा की मां ने उनकी पढ़ाई में अहम भूमिका निभाई। वह खुद लेक्चरर की सरकारी नौकरी कर रही थीं लेकिन सब छोड़कर कोटा चली गईं। मां के साथ रहने से ओम बेहरा को काफी सपोर्ट मिला। 

NCERT बुक से करें जेईई परीक्षा की तैयारी 

ओम जेईई के रिजल्ट से खुश हैं। लेकिन अभी वे अपने 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर फोकस करना चाहते हैं। वहीं बोर्ड परीक्षा के साथ ही उनका टारगेट है जेईई एडवांस परीक्षा। जेईई टॉपर ने कहा कि सिलेबस के बाहर कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं है। शिक्षक जैसा कहते हैं उसी अनुसार से अपनी तैयारी करें। ओम दूसरों की गलतियों को दोहराने के बजाय उनसे सीखने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने एनसीईआरटी का गहन अध्ययन करने की सलाह दी क्योंकि यह जेईई परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, वास्तविक परीक्षा में बैठने से पहले मॉक टेस्ट लिया जाना चाहिए।

एग्जाम स्ट्रेस भगाने के लिए बताया टिप्स

जेईई टॉपर ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि परीक्षा का स्ट्रेस होना तो आम बात है। इससे छुटकारा पाने के लिए वे माता-पिता और शिक्षकों से बात करते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें जब भी तनाव होता है वे अपने माता-पिता से बात करते हैं। वे रोजाना 8-9 घंटे पढ़ाई करते थे। 

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