BV Nagarathna Educational Qualification: जस्टिस बीवी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर 1962 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने डीयू के जिसस एंड मैरी कॉलेज से इतिहास में बीए से स्नातक किया और डीयू से कानून की पढ़ाई की। वे अपने फैसले के लिए हमेशा सुर्खियों में रहीं।
BV Nagarathna Educational Qualification: बीवी नागरत्ना का नाम इन दिनों सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि उन्हें अगला CJI बनाया जा सकता है। वह 25 सितंबर 2027 को देश की 54वीं चीफ जस्टिस बनेंगी। बतौर देश की पहली महिला चीफ जस्टिस (First Woman CJI) वह 36 दिन इस पद पर रहेंगी। देश के पूर्व चीफ जस्टिस ईएस वेंकटरमैया की बेटी नागरत्ना 13 साल कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रहीं और 2021 से वे सुप्रीम कोर्ट में हैं। देश के मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इसी साल 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
शांत स्वभाव वाली नागरत्ना अपने सख्त फैसलों के लिए जानी जाती हैं। नोटबंदी से लेकर अभिव्यक्ति की आजादी तक फैसले में नागरत्ना का टफ स्टैंड साफ दिख जाता है। वे साल 2021 से सुप्रीम कोर्ट की जज हैं। 1994 में उन्होंने इंडिपेंडेंट वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। आइए, जानते उन्होंने कहां से शिक्षा (Educational Qualification) हासिल की है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर 1962 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने डीयू के जिसस एंड मैरी कॉलेज से इतिहास में बीए से स्नातक किया और डीयू से कानून की पढ़ाई की। 1987 में उन्होंने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से LLB की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक इंडीपेंडेंट वकील के तौर पर करियर की शुरुआत की।
शुरुआती दौर में नागरत्ना ने बतौर वकील बेंगलुरु के कई अदालतों में प्रैक्टिस की थी। वे कंस्टीट्यूशनल लॉ, कमर्शियल और इंश्योरेस लॉ, सर्विस लॉ, एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ, लैंड एंड रेंट लॉ, फैमिली लॉ की माहिर मानी जाती हैं। अपने 30 साल के करियर में नागरत्ना ने कई अहम फैसले सुनाए हैं। 2008 में नागरत्ना को कर्नाटक हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया था। इसके दो साल बाद ही 2010 में उन्होंने हाई कोर्ट में स्थायी जज बनाया गया। वह 11 साल तक हाई कोर्ट में जस्टिस रहीं। इसके बाद 31 अगस्त 2021 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया और 29 अक्टूबर 2027 को उनका रिटायरमेंट है।
बीवी नागरत्ना ने अपने करियर में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनकी वजह से वो हमेशा चर्चा में रहीं। उन्होंने ही गुजरात के बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। नागरत्ना ने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को गलत बताया था। वहीं 2016 में नोटबंदी करने के केंद्र सरकार के फैसले पर भी नागरत्ना ने अलग राय दी थी। जहां बेंच ने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था। वहीं नागरत्ना ने इसे गलत और कानूनी करार दिया था।