NCERT New Education Reform: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए 'स्वदेशी मॉड्यूल' की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य, छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना और भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देना है।
NCERT Textbooks: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने एक सशक्त एवं विकसित भारत के निर्माण में आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित करने हेतु 'स्वदेशी' पर केंद्रित एक नया शैक्षिक मॉड्यूल प्रस्तुत किया है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 79वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण से प्रेरित है। साथ ही छात्रों को आत्मनिर्भरता की ऐतिहासिक और वर्तमान महत्व को समझने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करती है।
मॉड्यूल प्रधानमंत्री के इस संदेश पर प्रकाश डालता है कि आत्मनिर्भरता व्यापार और मुद्रा से कहीं आगे तक फैली हुई है। उन्होंने कहा था, "आत्मनिर्भरता हमारी क्षमता से जुड़ी है, और जब आत्मनिर्भरता कम होने लगती है, तो क्षमता भी लगातार कम होती जाती है। इसलिए, अपनी क्षमता को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए, आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।"
एनसीईआरटी मॉड्यूल स्वदेशी की जड़ें भारत के स्वतंत्रता संग्राम, खासकर 1905 के बंगाल विभाजन से जोड़ता है, जब नागरिकों ने भारतीय उत्पादों को अपनाकर ब्रिटिश आयात का विरोध किया था। इसमें बताया गया है कि यह आंदोलन केवल विदेशी वस्तुओं को अस्वीकार करने के बारे में नहीं था, बल्कि भारतीय विकल्प बनाने के बारे में भी था।
मॉड्यूल में बताया गया है, "स्वदेशी का मतलब सिर्फ विदेशी वस्तुओं को अस्वीकार करना नहीं था, बल्कि इसका मतलब भारतीय विकल्प तैयार करना भी था। इसी भावना ने भारतीयों के स्वामित्व वाले नए उद्यमों और उद्योगों को जन्म दिया।"
यह सामग्री स्वदेशी आंदोलन और मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसी वर्तमान पहलों के बीच समानताएं दर्शाती है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण, डिजिटल सशक्तिकरण और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना है, साथ ही आयात पर निर्भरता कम करना है।