UPSC Success Story: राजस्थान से संबंध रखने वाली उम्मुल खेर को एक अजीब सी बीमारी थी। हड्डियां कमजोर होने के वजह से बार-बार टूट जाती थीं। कई सारी सर्जरी झेलनी पड़ी। परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। लेकिन उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
UPSC Success Story: यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफल होना इतना आसान नहीं है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो विपरित परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते। आज बात ऐसी ही एक कैंडिडेट की। राजस्थान से संबंध रखने वाली उम्मुल खेर (IAS Ummul Kher) को एक अजीब सी बीमारी थी। हड्डियां कमजोर होने के वजह से बार-बार टूट जाती थीं। कई सारी सर्जरी झेलनी पड़ी। परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी।
उम्मुल खेर राजस्थान की रहने वाली हैं। उनके परिवार में माता-पिता और तीन भाई बहन हैं। उम्मुल जब काफी छोटी थीं, तभी उनके पिता परिवार सहित दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित झुग्गी में रहने लगे थे। पिता कपड़ों की फेरी लगाकर घर का खर्च निकालते थे। हालांकि, एक दिन सरकारी आदेश पर वहां की झुग्गियों को तोड़ दिया गया, जिसके बाद उनका पूरा परिवार त्रिलोकपुरी के स्लम एरिया में रहने लगा था।
उम्मुल को बचपन से ही एक गंभीर बीमारी थी, जिसका नाम है बोन फ्रजाइल डिसऑर्डर (Bone Fragile Disorder)। उनकी हड्डियां कमजोर होने के कारण बार बार टूट जाती थीं, जिस वजह से उन्हें 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी झेलनी पड़ी। घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। ऐसे में एक तरफ बीमारी और दूसरी तरफ गरीबी। लेकिन उम्मुल की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत थी। उनमें कुछ कर गुजरने की चाह थी।
उम्मुल ने घर का खर्च निकालने के लिए 7वीं कक्षा से ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था। परिवार वालों ने उनकी पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं दिखाई, इसलिए उन्होंने घर छोड़ दिया। एक NGO ने उनकी पढ़ाई में मदद की। 10 में उन्हें 91 प्रतिशत और 12वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया।
उम्मुल ने JNU के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमए किया है। इसके बाद उन्होंने एमफिल/पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला ले लिया। साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2016 में उम्मुल ने यूपीएससी परीक्षा पास (Success Story Of IAS Ummul Kher) करके सभी को चौंका दिया। सबसे बड़ी बात कि ये उनका पहला प्रयास था, जिसमें उन्होंने 420वीं रैंक हासिल की थी।