दोनों योजनाओं का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों को एडवांस बनाना और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा वातावरण देना है। पीएम श्री केंद्र सरकार की योजना है, जो पूरे देश के स्कूलों को नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप विकसित करने पर केंद्रित है।
केंद्र और राज्य सरकारें सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इन्हीं में दो अहम पहलें हैं, प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM ShRI) और मुख्यमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (CM ShRI)। दोनों योजनाओं का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों को एडवांस बनाना और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा वातावरण देना है। पीएम श्री केंद्र सरकार की योजना है, जो पूरे देश के स्कूलों को नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप विकसित करने पर केंद्रित है। वहीं, सीएम श्री दिल्ली सरकार की पहल है, जो स्थानीय सरकारी स्कूलों को तकनीकी और शैक्षणिक दृष्टि से सशक्त बनाने का काम कर रही है।
पीएम श्री योजना के तहत देशभर के सरकारी स्कूलों में बुनियादी और शैक्षणिक सुधार किए जा रहे हैं। इन सुधारों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग सिस्टम, शिक्षक प्रशिक्षण, सहायक सुविधाएं और कोर्स में समय-समय पर सुधार शामिल हैं। इन स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया राज्य के नियमों पर निर्भर करती है। आमतौर पर आवेदन ऑनलाइन माध्यम से संबंधित शिक्षा विभाग या स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर किए जाते हैं। कुछ राज्यों में प्रवेश परीक्षा या चयन प्रक्रिया आयोजित की जाती है, जिसके बाद डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन किया जाता है। आरक्षित वर्गों के छात्रों के लिए सीटें तय होती हैं और योग्यता मानक राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं।
वहीं, सीएम श्री योजना दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई है, जो पीएम श्री के मॉडल पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य दिल्ली के सरकारी स्कूलों को नई टेक्नोलॉजी और सुविधाओं से लैस करना है। इन स्कूलों में आधुनिक शिक्षण साधन जैसे स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग टूल्स, ए-सक्षम लाइब्रेरी, ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी तकनीकें, स्मार्ट बोर्ड, बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम और रोबोटिक्स लैब जैसी सुविधाएं शामिल की जा रही हैं। इन सबका मकसद छात्रों में क्रिएटिविटी,इनोवेशन और टेक्निकल समझ को बढ़ावा देना है।
सीएम श्री स्कूलों में एडमिशन मेरिट और एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर होता है। नियमों के अनुसार, कुल सीटों में से कम से कम पचास प्रतिशत सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित रहती हैं, जो वर्तमान में दिल्ली के सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे हैं। योग्य छात्र वे हैं जो सेशन 2025-26 के दौरान किसी मान्यता प्राप्त दिल्ली स्थित स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक अध्ययनरत हों। इनमें डीओई, एमसीडी, एनडीएमसी, केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे स्कूलों के विद्यार्थी शामिल हैं।