Hathras Satsang Incident: यूपी के एटा जिले के राजा का रामपुर निवासी महिला की हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में मौत हो गई। महिला की मौत से उसके चार बच्चे अनाथ हो गए। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा है। साथ ही 'भोले बाबा' के खिलाफ बच्चों में जबरदस्त आक्रोश है।
Hathras Satsang Incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को 'भोले बाबा' के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई। जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए। इसमें एटा जिले के राजा का रामपुर निवासी महिला की भी मौत हो गई। इससे महिला के चार बच्चे अनाथ हो गए। दरअसल, एटा के राजा का रामपुर निवासी 55 साल की महादेवी के पति की दस साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। महादेवी ने अपने दम पर तीन बेटे और एक बेटी को पाल-पोसकर बड़ा किया। अब चारों बच्चे बालिग हो चुके हैं, लेकिन अभी किसी की शादी नहीं हुई है।
बीते दो जुलाई को महादेवी अपने घर से 'भोले बाबा' का सत्संग सुनने के लिए हाथरस के सिकंद्राराऊ गई थी। हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ मचने से महादेवी की भी मौत हो गई। मां के निधन के बाद महादेवी के बच्चों में कोहराम मच गया। परिवार आक्रोशित है और 'भोले बाबा' पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। सबसे बड़ा बेटा तो यहां तक कह गया कि अगर बाबा सामने आ जाए तो हम उसे सबक सिखा देंगे।
दिल्ली में बाइक मिस्त्री की पत्नी भी दो जुलाई को हाथरस के सिकंदरामऊ में भोले बाबा का सत्संग सुनने आई थी। यहां भदगड़ में उनकी भी मौत हो गई। इसपर बाइक मिस्त्री के बड़े बेटे चंद्रशेखर ने कहा "मेरे पूरे परिवार को मां ही संभालती थी। घर में तीन छोटे-छोटे भाई बहन है। बिना मां के घर में कोई नहीं दिख रहा। हर समय मां साय के रुप में साथ रहती थी।
उनके निधन के बाद हम भाई बहनों के आंसू नहीं थम रहे है। वह कोई बाबा नहीं ढोंगी है। बाबा के पास कोई शक्ति नहीं है। सब फर्जी बाते हैं। हम लोगों की तरह ही आम इंसान है। नल के पानी पीने से बीमारी ठीक करने का दावा करता है। सभी की बीमारियों को सही करता है। जब खुद की किडनी खराब है तो पानी पीकर उसे सही क्यों नहीं कर लेता।"