Ekadashi 2025 List अगर आप भी करते हैं एकादशी का व्रत तो यहां पढ़े साल 2025 जनवरी से लेकर दिसंबर तक का पूरा कैलेंडर आइए जानते हैं..
Ekadashi 2025 List: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। हर महीने में दो एकादशी पड़ती हैं, उनमें से दशमी तिथि के बाद एकदशी का व्रत रखा जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में इसी के साथ साल में कुल 24 एकादशी के व्रत रखें जाते हैं। तो आइए जानते हैं साल 2025 के एकादशी व्रत त्यौहारों के बारे में।
एकादशी का व्रत (Ekadashi Vryat) भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान प्राप्ति, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत रखने की विशेष सलाह दी जाती है। इसे जीवन के कष्टों को समाप्त करने और जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। यही कारण है कि एकादशी व्रत को सभी उपव्रतों में सर्वोच्च महत्व दिया जाता है। आइए जानते हैं साल 2025 में एकदशी व्रत तिथि..
10 जनवरी 2025, शुक्रवार – पौष पूर्णिमा एकादशी
25 जनवरी 2025, शनिवार – षटतिला एकादशी
08 फरवरी 2025, शनिवार – जया एकादशी
24 फरवरी 2025, सोमवार – विजया एकादशी
10 मार्च 2025, सोमवार – आमलकी एकादशी
25 मार्च 2025, मंगलवार – पापमोचनी एकादशी
08 अप्रैल 2025, मंगलवार – कामदा एकादशी
24 अप्रैल 2025, गुरुवार – वरुथिनी एकादशी
08 मई 2025, गुरुवार – मोहिनी एकादशी
23 मई 2025, शुक्रवार – अपरा एकादशी
06 जून 2025, शुक्रवार – निर्जला एकादशी
21 जून 2025, शनिवार – योगिनी एकादशी
06 जुलाई 2025, रविवार – देवशयनी एकादशी
21 जुलाई 2025, सोमवार – कामिका एकादशी
05 अगस्त 2025, मंगलवार – श्रावण पुत्रदा एकादशी
19 अगस्त 2025, मंगलवार – अजा एकादशी
03 सितंबर 2025, बुधवार – परिवर्तिनी एकादशी
17 सितंबर 2025, बुधवार – इंदिरा एकादशी
03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार – पापांकुशा एकादशी
17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार – राम एकादशी
02 नवम्बर 2025, रविवार – देवुत्थान एकादशी
15 नवम्बर 2025, शनिवार – उत्पन्ना एकादशी
01 दिसम्बर 2025, सोमवार – मोक्षदा एकादशी
15 दिसम्बर 2025, सोमवार – स्फल एकादशी
30 दिसम्बर 2025, मंगलवार – पौष पूर्णिमा एकादशी
इस प्रकार, पूरे साल में विभिन्न प्रकार की एकादशी व्रत होते हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इन व्रतों को विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के रूप में मनाया जाता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।