Karwa Chauth: करवा चौथ व्रत का आध्यात्मिक महत्व तो है है, यह पति पत्नी के प्यार का प्रतीक त्योहार भी है। इस दिन महिलाएं पति के लिए करीब 12 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं। इस दिन महिलाएं ये उपाय करें तो पति-पत्नी के बीच प्यार और बढ़ेगा। आइये जानते हैं करवा चौथ पर क्या काम करना चाहिए...
Karwa Chauth: करवा चौथ व्रत की शुरुआत देव-दानव युद्ध से जुड़ी है। मान्यता है ब्रह्माजी के निर्देश पर देवताओं की पत्नियों ने विजय के लिए व्रत रखा था। इसके बाद से सारे संसार में करवा चौथ व्रत मनाया जाने लगा। करवा चौथ व्रत कल 20 अक्टूबर को है।
इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की दीर्घायु, तरक्की और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना से व्रत रखती हैं। इस दिन पति-पत्नी को कुछ काम जरूर करने चाहिए। इससे दंपती के बीच प्यार बढ़ता है। आइये जानते हैं वो काम जिसे करवा चौथ पर पति-पत्नी को जरूर करना चाहिए ..
1. करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा का दर्शन कर अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं।
इस दिन पति को पत्नी को मीठी चीज खिलाकर उसका व्रत तोड़ना चाहिए। साथ ही कोई गिफ्ट देना चाहिए, यह गिफ्ट उसकी राशि के अनुसार हो तो बेहतर है। इससे दंपती में प्यार बढ़ता है।
2. करवा चौथ व्रत की तैयारी में हो सके तो पति भी हाथ बटाएं, साथ ही पत्नी को पति की पसंद के श्रृंगार का ध्यान रखना चाहिए।
3. करवा चौथ पर महिला को सुहाग से जुड़ी सामग्री जरूर दान करनी चाहिए। सास को बायना जैसे करवा (मिट्टी या अन्य धातु से बना एक विशेष बर्तन), मीठे पकवान, कपड़े और सुहाग से जुड़ी वस्तुएं देना चाहिए।
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1. यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चांद निकलने तक रखना होता है और चन्द्रमा के दर्शन के बाद ही इसको खोला जाता है। इससे पहले व्रत न तोड़ें।
2. शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा की जाती है। पूजा के बाद कथा जरूर सुनें।
3. पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ होना चाहिए और स्त्री को पूर्व की तरफ़ मुख करके बैठना चाहिए।
4. सरगी का सेवन सूर्योदय से पहले ही कर लें, सूर्योदय के बाद ये काम न करें।
5. इस दिन देर तक न सोएं और न ही किसी को गलत शब्द बोलें।
6. अपने श्रृंगार की चीजें किसी को न दें और काले कपड़े न पहनें।
7.झूठ न बोलें और पति-पत्नी आपस में झगड़ा न करें।
8. व्रत के बाद तामसिक भोजन न करें।
9. चांद निकलने पर पूजा समाप्त होने के बाद एक बार में अधिक भोजन करने से बचें। पहले सिर्फ एक गिलास पानी पीना ही बेहतर होगा, ताकि पेट में ठंडक पहुंचे, और बाद में होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।