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Rakshabandhan Navratri Diwali in 2025 : जानिए क्यों 2025 में 11 दिन जल्दी आएंगे रक्षाबंधन-नवरात्रि-दीपावली और 2026 में 20 दिन बाद

Raksha Bandhan Navratri Diwali to Arrive Early in 2025 : साल 2025 में इस बार सभी बड़े त्योहार, जैसे सावन, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि और दीपावली पिछले दो सालों के मुकाबले 11 दिन जल्दी आ रहे हैं। सावन 11 जुलाई से शुरू हो गया है। रक्षाबंधन 9 अगस्त को, नवरात्रि 22 सितंबर से, दशहरा 2 अक्टूबर को और दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

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Jul 16, 2025
Rakshabandhan Navratri Diwali in 2025 (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)

Rakshabandhan Navratri Diwali in 2025 : इस समय हम साल 2025 के जुलाई माह में हैं जो वर्ष का 7 महीना होता है। जुलाई से कई मांगलिक कार्यों और त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जैसे सावन, हरियाली तीज, रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से लेकर दीपावली और छठ पूजा तक, जिनका इंतजार लोग पूरे वर्ष भर करते हैं। इस साल ये सभी त्योहार बेहद जल्दी आ रहे हैं।

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि खास बात यह है कि इस साल सावन मास से लेकर (Rakshabandhan 2025 date) रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी से लेकर नवरात्रि, दशहरा, दीपावली पिछले दो सालों की तुलना में 11 दिन तक जल्दी आएंगे। 9 अगस्त को रक्षाबंधन, 22 सितंबर से नवरात्रि, 2 अक्टूबर को दशहरा और 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। देवों के देव महादेव की आराधना और भक्ति का महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन इस बार 30 दिनों का होगा, इसमें चार सावन सोमवार आएंगे। 4 मंगला गौरी के व्रत के अलावा, 2 प्रदोष, चतुर्दशी, हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी, पूर्णिमा और रक्षाबंधन पर्व शामिल हैं।

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नीतिका शर्मा ने बताया कि देवशयनी एकादशी के बाद अब चार महीने तक लगातार तीज-त्योहार आएंगे। सावन के बाद जन्माष्टमी, गणेशचतुर्थी से लेकर नवरात्रि, दशहरा-दीपावली पिछले दो सालों की तुलना में 11 दिन जल्दी आएंगे। ये त्योहार पूरे परिवार में उल्लास, एकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं। सावन मास के सोमवार शिव भक्ति में डुबो देते हैं, तो वहीं हरियाली तीज महिलाओं के लिए सौभाग्य, प्रेम और उत्सव का प्रतीक बनकर आती है। रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है, जबकि दीपावली में पूरा देश जगमगा उठता है। पिछले साल के मुकाबले यह सभी पर्व इस बार आपको जल्दी मनाने को मिलेंगे।

कैलेंडर सौरमास/सौर महीना पर आधारित यानी 365 दिनों का होता है, जबकि हमारे पंचांगों की गणना चंद्रमास पर आधारित होती है और यह 354 दिनों का होता है। ऐसे में प्रतिवर्ष पड़ने वाले इन 11 दिनों के भेद को पूरा करने के लिए हर 3 साल में अधिकमास आता है। इससे पहले सावन अधिक मास वर्ष 2023 में पड़ा था और अब अगले साल यानी 2026 में फिर से ज्येष्ठ अधिक मास लगेगा, जिसका समय 17 मई 2026 से 15 जून 2026 तक रहेगा।

2026 में ज्येष्ठ अधिक मास

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि सावन 11 जुलाई (Sawan 2025 start date) से शुरू हो गया है। जबकि 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ सावन का समापन होगा। वहीं 22 सितंबर से नवरात्रि, 2 अक्टूबर को दशहरा, 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। कैलेंडर सौरमास पर आधारित होता है, यानी 365 दिनों का होता है, जबकि हमारे पंचांगों की गणना चंद्रमास पर आधारित है। यह 354 दिनों का होता है। ऐसे में हर साल आने वाले 11 दिनों के अंतर को पूरा करने के लिए तीन साल में अधिकमास आता है। 2023 में सावन अधिकमास में आया था, अब अगले साल 2026 में ज्येष्ठ अधिकमास में आएगा।

निर्धारित तिथि पर ही आते हैं त्योहार

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि त्योहारों की गणना हिंदी पंचांग के हिसाब से की जाती है। जिसके लिए हिंदी का माह और तिथि निर्धारित है। हिंदी पंचांग के अनुसार इस तिथि पर यह त्योहार आते हैं लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगे-पीछे इसलिए हो जाते हैं कि हिंदी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिक मास होता है। ऐसे में एक माह की अवधि बढ़ जाती है,इसलिए अंग्रेंजीकैंलेंडर की गणना के हिसाब से त्योहार आगे-पीछे होते हैं और उनका क्रम बदलता है।

सावन में त्योहार

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि 14, 21 व 28 जुलाई और 4 अगस्त को सावन के सोमवार हैं, जबकि 15 जुलाई, 22 जुलाई, 29 जुलाई और 5 अगस्त को मंगला गौरी का व्रत होगा। इसी तरह 22 जुलाई को प्रदोष, 23 जुलाई को चतुर्दशी, 24 जुलाई हरियाली अमावस्या, 27 जुलाई हरियाली तीज, 29 जुलाई नागपंचमी, 6 अगस्त प्रदोष, 8 अगस्त व्रत की पूर्णिमा और 9 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व है।

तिथियों का गणित

2025 में त्योहार

ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि सावन की शुरुआत 11 जुलाई, रक्षाबंधन 9 अगस्त, जन्माष्टमी 16 अगस्त, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, शारदीय नवरात्रि शुरुआत 22 सितंबर, दशहरा 2 अक्टूबर, दीपावली 20 अक्टूबर, देवउठनी एकादशी 1 नवंबर रहेगे।

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