गोंडा में दिल को झकझोर देने वाली लापरवाही, बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल में दो नवजातों की मौत। परिजनों का दर्द आक्रोश में बदल गया। सवाल यह है कि सीएमओ ऑफिस से महज़ एक किलोमीटर दूर चल रहे इस फर्जी अस्पताल की भनक अधिकारियों को क्यों नहीं लगी?
गोंडा शहर में दिल दहला देने वाली लापरवाही सामने आई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से महज़ एक किलोमीटर दूर जानकी नगर मोहल्ले में बिना पंजीकरण के चल रहे अस्पताल में गुरुवार को दो नवजातों की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने जमकर विरोध किया। सूचना पाकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँची। लेकिन तब तक अस्पताल संचालक और स्टाफ फरार हो चुके थे।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल में लंबे समय से फर्जी तरीके से इलाज और नवजातों की देखभाल की आड़ में पैसों की वसूली की जा रही थी। कई बार बच्चों की मौत भी हुई है। लेकिन अधिकारियों की नज़र नहीं पड़ी। बताया जाता है कि इस अस्पताल का पंजीकरण भी नहीं है। फिर भी यह शहर में संचालित हो रहा था।
यहां पर कटरा बाजार थाना के गांव कोटिया मदारा के रहने वाले विनय सिंह की पत्नी ने एक सितंबर को कटरा बाजार सीएचसी में बच्चे को जन्म दिया था। नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे महिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन जगह न होने की बात कहकर रेफर कर दिया गया। इसके बाद बच्चे को जानकी नगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई। वहीं दूसरी तरफ सतई पुरवा के रहने वाले मोहित की पत्नी ने 5 सितंबर को जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। बच्चा बीमार पड़ा तो उसे भी इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वह भी बच नहीं सका।
मामले पर नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस बल भेजकर स्थिति शांत कराई गई है। अभी तहरीर नहीं मिली है। मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है। की जांच की जा रही है।