Gonda News: गोंडा में अवैध रूप से संचालित 163 स्कूल और मदरसे चिन्हित किए गए हैं। जिन तहसील क्षेत्र में यह मदरसे और स्कूल संचालित हो रहे हैं। वहां के तहसीलदार खंड शिक्षाधिकारी और थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर इन्हें बंद करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे इन अवैध स्कूलों और मदरसे के संचालकों में हड़कंप मच गया है।
Gonda News: बेसिक शिक्षा विभाग की जांच में 163 अवैध स्कूल और मदरसे चिन्हित किए गए। जिलाधिकारी ने संबंधित तहसीलों के तहसीलदार, बीईओ और थानाध्यक्ष को ऐसे स्बंकूल व मदरसों को बंद कराने के आदेश जारी किए हैं। जिससे इन अवैध स्कूलों और मदरसे के संचालकों में हड़कंप मच गया है। बेसिक शिक्षा विभाग इन स्कूल और मदरसे को बंद करने के लिए पिछले वर्ष से ही कवायद शुरू किया था। लेकिन तमाम कारणों के चलते विभाग बंद करने में सफल नहीं हुआ है।
Gonda News: गोंडा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष अभियान चला कर इन स्कूल के संचालकों से बंद करने का शपथ पत्र लिया था। इसके बाद भी चोरी चुपके यह स्कूल संचालित हो रहे थे। जिसकी शिकायत अभिभावकों सहित आम नागरिकों ने प्रशासन से की थी। अब नए सत्र में ऐसे विद्यालयों के संचालन पर रोक लगाने के लिए डीएम नेहा शर्मा को ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं। डीएम ने इस बार संबंधित तहसीलदार, बीईओ व थानाध्यक्ष को संयुक्त रूप से 15 दिन के भीतर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
बभनजोत व नवाबगंज में सबसे अधिक अवैध स्कूल
जिले के बभनजोत व नवाबगंज में सबसे अधिक अवैध स्कूलों का संचालन हो रहा है। अभिभावकों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही से इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पहले भी बीईओ की ओर से लापरवाही सामने आ चुकी है। बीच सत्र में कई अवैध स्कूल संचालित पाए गए। अभिभावकों का कहना है कि उन्हें स्कूल की मान्यता संबंधी समुचित जानकारी नहीं होती है। ऐसे में बीच सत्र में स्कूल बंद कराने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग की तरह से जुटाई गई सूची में 21 मदरसे शामिल हैं। इसके साथ ही काॅन्वेंट स्कूल भी हैं। यह विद्यालय मानकविहीन बताए जा रहे हैं। पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों से परिषदीय विद्यालयों में करीब 50 हजार से अधिक बच्चों का नामांकन कम हो रहा है। अभी तक बीईओ व बीएसए स्तर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि अवैध रूप से संचालित सभी विद्यालय बंद कराए जाएंगे। इससे जहां परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ेगा। वहीं बच्चों को सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई-लिखाई का मौका मिल पाएगा।