
मृतक की फाइल फोटो दीवारों पर सबूत जांच करती पुलिस सोर्स पत्रिका
गोंडा में एक युवक ने ब्लैकमेलिंग और सामाजिक अपमान से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने कमरे में ऐसे सबूत छोड़े, जिनसे परिवार को उसके मानसिक तनाव और इस खौफनाक कदम के पीछे की वजह समझ आ सके। प्रेम- प्रसंग में ब्लैकमेल की पूरी कहानी उसने अपने कमरे की दीवारों पर चस्पा कर दिया।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां एक युवक ने अपने ही कमरे में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से ब्लैकमेलिंग के दबाव में था। जिससे उसकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई।
युवक ने आत्महत्या से पहले असामान्य तरीके से अपने मुंह में कपड़ा ठूंस लिया। दोनों पैरों को बांधकर पंखे से लटक कर जान दे दी। लेकिन सबसे अहम बात यह रही कि उसने मरने से पहले कमरे की दीवार पर कई अहम दस्तावेज चिपकाए थे। इनमें एक शादीशुदा महिला के साथ हुई वीडियो कॉल के स्क्रीनशॉट, व्हाट्सएप चैट, कॉल डिटेल्स के प्रिंटआउट और एक सुसाइड नोट शामिल था।
इन सबूतों के जरिए युवक परिवार को यह बताना चाहता था कि किन परिस्थितियों और कारणों ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। घटना की सूचना मिलते ही नगर कोतवाली और सिविल लाइन चौकी की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने कमरे की जांच की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के गायत्रीपुरम में रहने वाले 25 साल के अभिषेक श्रीवास्तव ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। घरवालों का कहना है कि अभिषेक ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर रखा था। काफी देर तक जब कोई हलचल नहीं हुई तो परिजनों को शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर देखा, जहां अभिषेक पंखे से लटका मिला।
कमरे की दीवार पर सामने रहने वाली सोनल सिंह और उसके पति अजीत सिंह के साथ हुई व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड और वीडियो कॉल के स्क्रीनशॉट चिपके हुए थे। इन्हीं के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें अभिषेक ने लिखा था कि सोनल सिंह उसे लगातार ब्लैकमेल कर रही थी।
सुसाइड नोट में यह भी जिक्र है कि 28 सितंबर को सोनल सिंह और उसके पति ने अभिषेक के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराया था। इस मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने 30 सितंबर को अभिषेक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। करीब 12 दिन बाद, 12 अक्टूबर को वह जेल से बाहर आया था।
Updated on:
18 Dec 2025 09:04 pm
Published on:
18 Dec 2025 09:02 pm
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