गोरखपुर में एक हैरान करने वाली घटना हुई है, यहां कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित हजारीपुर में वरिष्ठ बीजेपी नेता चिरंजीवी चौरसिया के दुकान को आधी रात को भू माफिया ने बुलडोजर से ढहा दिया ।
गोरखपुर में पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह थमने का नाम नहीं ले रहा है। पशु तस्करों द्वारा छात्र की हत्या के बाद क्षेत्रीय जनता ने स्थानीय पिपराइच थाने के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। यह मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा की तभी शहर के कोतवाली थाना पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता चिरंजीव चौरसिया शनिवार को व्यापारी नेताओं और पार्षदों के साथ पुलिस कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
गोरखपुर में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य चिरंजीव चौरसिया की दुकान को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया, दुस्साहस यह है कि यह काम प्रशासन ने नहीं बल्कि भू माफिया ने किया है। इस घटना की खबर जैसे ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को हुई उनमें आक्रोश फैल गया, भारी विरोध के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
शनिवार को आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा नेता एसएसपी से मिलने उनके ऑफिस पहुंचे थे लेकिन जब उनसे बात नहीं हुई तो कार्यकर्ता जमीन पर ही बैठ गए। इसकी सूचना मिलते ही सीओ कोतवाली ओंकार दत्त त्रिपाठी ने उन्हें उठाया। फिर एसपी सिटी के कक्ष में ले गए। बाहर खड़ी मीडिया से जब बातचीत हुई तब उन्होंने कहा कि मैं बहुत आहत हूं।
इस घटना पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि शुक्रवार की सुबह 7 बजे सूचना मिली कि मेरी दुकान बुलडोजर से गिरा दिया गया। मेरी कभी कोई बात न तो कथित भूमाफिया से हुई और न ही गायत्री देवी के परिवार से, मेरी दुकान से बहुत से सामान उठा ले जाया गया। इसमें दुर्गाबाड़ी पुलिस चौकी प्रभारी की सहमति के इतना बड़ा कदम कोई नहीं उठा सकता है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस घटना के बाद भाजपा पार्षद व कार्यकर्ता आक्रोशित हैं। पीड़ित गोरखपुर के डिप्टी मेयर रहे हैं। उनकी दुकान को किसी ने बुलडोजर से गिरा दिया। प्रशासन मूक दर्शक बना देखता रह गया। सीएम योगी के शहर में ये घटना प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।