BSF Fake Joining Case: बीएसएफ में जॉइनिंग के लिए चल रहा दलाली का बड़ा खेल, 9 फर्जी आरक्षकों ने पूछताछ में किया खुलासा, दलाल पकड़ से बाहर
BSF Fake Joining Case: बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की टेकनपुर अकादमी में में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर से ट्रेनिंग लेते पकड़े गए 9 जवान (आरक्षक) अब सिर पकड़ बैठे हैं। बीएसएफ में जालसाजी से घुसने के लिए इन लोगों ने जो तिकड़में लगाई थीं पूरी सिलसिलेवार बताई हैं। इन लोगों ने खुलासा किया दलालों ने 1 करोड़ 26 लाख रुपए में उन सभी को बीएसएफ में सिपाही बनाने का ठेका लिया था। दलालों ने दो किश्त में पैसा लेना तय किया था। एडवांस की पहली किश्त में 38 लाख 50 हजार रुपए तो दलाल ले चुके हैं। बाकी रकम ट्रेनिंग पर पहुंचने के बाद देना थी।
उधर फर्जी आरक्षकों के मूल दस्तावेज भी जब्त हो गए हैं। बीएसएफ में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी दिलाने का धंधा करने वाला कोई भी दलाल हाथ नहीं आया है। बिलौआ पुलिस की टीम आगरा और मुरैना में दलालों के ठिकाने खंगाल कर खाली हाथ लौट आई है। उसके पहुंचने से पहले ही सभी दलाल अपने ठिकाने छोडक़र गायब हो गए।
फर्जी आरक्षकों (Fake Jawan) ने खुलासा किया है उन सभी के दलाल अलग हैं। लेकिन बीएसएफ में सिपाही बनाने के एवज में सभी दलालों ने 14 लाख रुपए का खुला रेट रखा है। इसमें 5 लाख रुपया एडवांस में दलाल ऐंठते हैं। बाकी रकम ट्रेनिंग में पहुंचने के बाद देना होती है। ठेके पर नौकरी दिलाने का धंधा दलाल संगठित तरीके से चला रहे हें। कोङ्क्षचग सेंटर के आसपास पान, चाय और नाश्ते की दुकान चलाने वालों को भी दलालों ने कमीशन एजेंट बना रखा है। दलालों के यह गुर्गे जरुरतमंद युवकों को आसानी से सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर दलालों के पास भेजते हैं।
फर्जी आरक्षकों ने खुलासा किया। दलालों ने टेकनपुर अकादमी में ट्रेनिंग पर भेजने से पहले पवन पुत्र महेन्द्र गुर्जर रुदपुरा (फतेहाबाद) से 5 लाख रुपए, संदीप पुत्र शिंधी सिंह सावलियापुरा (धौलपुर) से 50 हजार ,संदीप पुत्र भूपेन्द्र गुर्जर अलीगढ (यूपी) 5 लाख , दलवीर पुत्र धर्मवीर सिंह कंचनपुरा (फतेहाबाद) 5 लाख ,रामदास पुत्र प्रतापसिंह भानपुरा (मुरैना)3.50 लाख, अजय पुत्र सुघर सिंह गणेशपुरा (मुरैना) 3.50 लाख, आकाश पुत्र राजेन्द्र सिंह शिकोआबाद (यूपी) 3 लाख रुपया, अनिल पुत्र पूरन सिंह अंबाह (मुरैना)8 लाख और प्रवेन्द्र उर्फ छोटू पुत्र जयवीर सिंह गुर्जर निवासी राजाखेडा (धौलपुर) से 5 लाख रुपया एडवांस लिया था।
बीएसएफ के छत्तीसगढ़ मुख्यालय ने एसएससी के जरिए आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसमें चुने गए प्रतियोगियों को आरक्षक की ट्रेनिंग के लिए बीएसएफ की टेकनपुर अकादमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। इनमें 9 आरक्षक अपनी मूल पहचान छिपाकर सॉल्वर के दस्तावेजों पर ट्रेनिंग लेने आए थे। अकादमी की स्क्रीनिंग कमेटी ने दस्तावेजों की जांच में इन आरक्षकों को पकड़ा था।