हाईकोर्ट की एकल पीठ ने साइबर ठगी के 7 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह संगठित साइबर अपराध है, जिसका समाज पर व्यापक असर पड़ता है और यह बैंकिंग व्यवस्था में जनता के भरोसे को कमजोर करता है। इतनी बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी से समाज में गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आरोपियों को को रिहा करना जनहित के खिलाफ होगा।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने साइबर ठगी के 7 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह संगठित साइबर अपराध है, जिसका समाज पर व्यापक असर पड़ता है और यह बैंकिंग व्यवस्था में जनता के भरोसे को कमजोर करता है। इतनी बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी से समाज में गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आरोपियों को को रिहा करना जनहित के खिलाफ होगा।
दरअसल 2.52 करोड़ की धोखाधड़ी में क्राइम ब्रांच ने अलग-अलग राज्यों से आरोपियों की गिरफ्तार की है। जिला कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद 9 आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। आरोपियों ने तर्क दिया कि वह निर्दोष है और उन्हें गलत तरीके से फँसाया गया है। नौकरी की तलाश में कंसल्टेंसी के संपर्क में आया जहां नवीन शर्मा नामक व्यक्ति ने उनसे चेक और बैंक डिटेल्स ले लिए। इसी का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की गई। पुलिस व शिकायतकर्ता की ओर से जमानत का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है, जिसमें संगठित साइबर अपराध और बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी शामिल है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राहुल कहर, काजल जैसवाल, वरदन, शौर्या शुक्ला, सचिन गुप्ता, दीपांशु, तुषार गोमे की जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि शिवम सिंह व विनायक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
रामकृष्ण मिशन आश्रम, ग्वालियर के सचिव स्वामी सुप्रदीप्तानंद ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2025 को उन्हें एक व्हाट्सएप कॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। कॉलर ने कहा कि आश्रम सचिव के नाम से केनरा बैंक का खाता खोला गया है जिसमें करीब 20 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। कॉलर ने धमकी दी कि यदि सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तारी होगी। डर के माहौल में कॉलर ने शिकायतकर्ता से आश्रम की वित्तीय जानकारी हासिल की और 17 मार्च से 11 अप्रैल 2025 के बीच विभिन्न खातों में कुल 2,52,99,000 ट्रांसफर करा लिए। जब पैसा वापस नहीं मिला तो शिकायतकर्ता को धोखाधड़ी का अहसास हुआ और मामला दर्ज कराया गया।