ग्वालियर

अब बनेगा डिजिटल ID card, 1 क्लिक करते ही मिलेगी स्टूडेंट की पूरी जानकारी

Digital ID card: डिजिटल आई कार्ड की नई क्रांति, क्यूआर कोड स्कैन कर 5 लिंक बन रहीं 8 हजार से अधिक स्टूडेंट्स के लिए मददगार

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Digital ID card

Digital ID card: यदि आपसे पूछा जाए कि किसी विद्यार्थी का परिचय पत्र कैसा होता है, तो आपका जवाब होगा कि उस पर एक फोटो के साथ विद्यार्थी के बारे में सारी जानकारी होगी। इसके जरिए विद्यार्थी का परिचय प्राप्त होता है। लेकिन आधुनिकता के इस युग में ग्वालियर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कला महाविद्यालय (एमएलबी) ने अब विद्यार्थियों के लिए डिजिटल आई कार्ड का सॉफ्टवेयर का इजाद किया है। खास बात यह है कि यदि किसी विद्यार्थी की फीस की रसीद खो जाए तो वह इस डिजिटल आई कार्ड के जरिए उसे डाउनलोड कर सकता है।

मोबाइल पर मिलेंगी 5 लिंक

इसके साथ ही उसे परीक्षा फॉर्म भरने की भी जरूरत नहीं पड़ रही। सभी विषयों सहित परीक्षा फॉर्म भरा हुआ मिल रहा है। विद्यार्थी को सिर्फ यूपीआई के जरिए परीक्षा फीस का भुगतान करना होता है। एमएलबी कॉलेज के स्वशासी प्रकोष्ठ के परीक्षा नियंत्रक डॉ.प्रदीप गुप्ता ने बताया कि इस डिजिटल परिचय पत्र को महाविद्यालय के हेल्प डेस्क से डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की गई है।

परिचय पत्र में क्यूआर कोड है, जिसे स्कैन करने से विद्यार्थियों को मोबाइल पर ही 5 लिंक प्राप्त होती हैं। इन लिंक के माध्यम से कॉलेज के आठ हजार से अधिक छात्र-छात्राएं ऐसे सभी कार्य घर बैठकर ही कर रहे हैं। उन्हें कॉलेज आने की जरूरत नहीं पड़ रही। ये मध्यप्रदेश का शायद पहला सरकारी महाविद्यालय है, जिसने इस तरह की सुविधा प्रदान की है।


डिजिटल आई कार्ड में ऐसे काम कर रहीं पांच लिंक

● पहली लिंक : इसमें विद्यार्थी का बायोडाटा यानी उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

● दूसरी लिंक : इसमें फीस जमा करने का पूरा विवरण, फीस रसीद आदि उपलब्ध है। यदि विद्यार्थी से फीस की रसीद खो जाती है, तो उसे लिंक से पुन: डाउनलोड कर सकते हैं।

● तीसरी लिंक : इस लिंक में सपूर्ण रिजल्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं। किसी भी समय विद्यार्थी किसी भी कक्षा की अपनी मार्कशीट डाउनलोड कर सकता है।

● चौथी लिंक : परीक्षा फॉर्म एवं फीस जमा करना। पूरा परीक्षा फॉर्म विषयों सहित भरा हुआ आता है, विद्यार्थी को पे नाऊ पर जाकर यूपीआई से भुगतान करना होता है। भुगतान के बाद फॉर्म ऑनलाइन ही सबमिट भी हो जाता है। उसका प्रिंट लेने की आवश्यकता नहीं होती और न ही विभाग में जमा करने के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं।

● पांचवी लिंक : महाविद्यालय की समस्त सूचनाएं (परीक्षा संबंधी, प्रशासकीय, सांस्कृतिक एवं खेल आदि) सभी लिंक सर्वर से जुड़ी हैं। इससे विद्यार्थी को नवीनतम सूचनाएं भी प्राप्त होती हैं।

पहले परीक्षा फॉर्म जमा करने महाविद्यालय जाना पड़ता था। अब विद्यार्थी की ओर से ऑनलाइन जमा किए गए परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन विभागाध्यक्ष के पास चले जाते हैं। विभागाध्यक्ष उसे ऑनलाइन चैक करके ओके करते हैं। ओके होने के बाद ही विद्यार्थी का परीक्षा का प्रवेश पत्र ऑनलाइन डाउनलोड होता है। इन सभी कार्यों से विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों का बहुत सारे समय एवं परेशानी में बचत हो रही है। - डॉ.हरीश अग्रवाल, प्राचार्य, शासकीय एमएलबी (स्वशासी) महाविद्यालय

Published on:
26 Dec 2024 05:13 pm
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