ग्वालियर

अनुकंपा नियमों को ताक पर रख आरटीओ में सिपाही बना सौरभ शर्मा, भाई भी छग में अफसर

RTO Constable Saurabh Sharma case: आरटीओ का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा दो साल सागर के मालथौन चेकपोस्ट पर रह चुका है।

2 min read

RTO Constable Saurabh Sharma case: आरटीओ का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा दो साल सागर के मालथौन चेकपोस्ट पर रह चुका है। उसने सागर समेत प्रदेश के 6 चेकपोस्ट एक साथ संचालित किए। परिवहन विभाग में उसके अच्छे संपर्क थे। जुलाई-2024 में जब चेकपोस्ट बंद हुए, तब वह सागर से गया। सप्ताह में दो से तीन दिन मालथौन में रहकर काम देखता था। जब वह नहीं होता, तब उसकी टीम काम संभालती थी।

यही कारण रहा कि उसने इतनी काली कमाई की। बाद में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इधर, शनिवार को आयकर की टीम सागर भी पहुंची। सौरभ से जुड़े कुछ पुलिस के कर्मचारी-अफसरों के बारे में भी जानकारी जुटाई।

हर अफसर-कर्मी ने की तगड़ी वसूली

मालथौन अटा अंतरराज्यीय चेक पोस्ट पर रहे हर अफसर-कर्मी ने तगड़ी वसूली की। इसमें आरटीओ का प्रधान आरक्षक सुनील गौड़ भी है। सुनील मालथौन नाके पर डेढ़ साल रहा और काली कमाई से इंदौर में संपत्तियां जोड़ीं। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर इंदौर लोकायुक्त ने जुलाई 2024 में केस दर्ज किया। दो माह पहले उसका तबादला सागर से हुआ।

नियम तोड़ मिली सौरभ को अनुकंपा नौकरी

आरटीओ में सिपाही बनाने में अनुकंपा नियम तोड़े गए। सौरभ के पिता राकेश शर्मा सरकारी डॉकटर थे। 2016 में निधन हुआ तो भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में राजस्व विभाग में अफसर था। नियम के अनुसार घर में एक के सरकारी नौकरी में होने पर दूसरे को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलती, पर सौरभ को मिली। मामले में अभिभाषक अवधेशसिंह तोमर ने नियुक्ति संबंधी दस्तावेज आरटीआइ से मांगे, पर विभाग ने फाइल न मिलने का बहाना बनाया।


Updated on:
23 Dec 2024 10:20 am
Published on:
23 Dec 2024 10:19 am
Also Read
View All

अगली खबर