ग्वालियर

हल्का कोहरा और ओस रबी की फसलों के लिए वरदान, धूप से प्रकाश-संश्लेषण पूरा, उत्पादन बढ़ने की उम्मीद

इस बार दिसंबर जैसी सर्दी नहीं है, लेकिन हल्का कोहरा और रात में गिर रही ओस से रबी फसलों का जीवनचक्र सही ढंग से पूरा हो रहा है, दिन में खुली धूप पौधों की प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया को पूरा कर रही है, जिससे ग्रोथ और उत्पादन दोनों में सुधार की संभावना है.....

2 min read
हल्का कोहरा और ओस रबी की फसलों के लिए वरदान, धूप से प्रकाश-संश्लेषण पूरा, उत्पादन बढऩे की उम्मीद

ग्वालियर. इस बार दिसंबर जैसी सर्दी नहीं है, लेकिन हल्का कोहरा और रात में गिर रही ओस से रबी फसलों का जीवनचक्र सही ढंग से पूरा हो रहा है, दिन में खुली धूप पौधों की प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया को पूरा कर रही है, जिससे ग्रोथ और उत्पादन दोनों में सुधार की संभावना है।
शीतकालीन सीजन के 77 दिन बीत चुके हैं, पर इस बार कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ी। फिर भी रात में ओस व दिन में तेज धूप का मेल फसलों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। वर्तमान में दिन का अधिकतम तापमान लगभग 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है, जबकि कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि 22-25 डिग्री सेल्सियस के बीच का दिन तापमान फसलों के लिए आदर्श रहता है - इससे पौधों को जरूरत के अनुरूप गर्मी मिलती है पर तनाव नहीं होता।

बोवनी व फसल स्थिति
बारिश के कारण खरीफ की कटाई देर हुई, जिससे गेहूं की बोवनी भी कुछ विलंब से हुई पर अब गेहूं जल्दी अंकुरित हो रहा है। हरी मटर की बोवनी देर होने से आवक धीमी थी- इससे भाव वर्तमान में लगभग 60/किलो तक बने हुए हैं; अगले 10-15 दिन में आवक बढऩे से दाम सामान्य होंगे। टमाटर में भी सर्दी के कारण रोग कम दिखे हैं और उत्पादन में सुधार नजर आ रहा है।

किसानों के लिए क्या अच्छा है
ठ्ठ ओस से मिट्टी में नमी बनी रहती है और बीज जल्दी अंकुरित हो रहे हैं।
ठ्ठ पर्याप्त धूप मिलने से पौधे के तने व जड़ मजबूत बन रहे हैं।
ठ्ठ सरसों, मटर, चना व सब्जियों में रोग कम होने से उत्पादन सुधरने के संकेत।

फसल लक्ष्य
(रकबा- हेक्टेयर)
ठ्ठ गेहूं: 1.48 लाख
ठ्ठ सरसों: 50,000
ठ्ठ मटर: 5,300
ठ्ठ चना: 4,500

विशेषज्ञ की बात
यह सर्दी फसलों के हिसाब से अनुकूल है। ओस और दिन की धूप मिलकर पौधों को तेजी से ग्रोथ करवा रहे हैं, जिससे उत्पादन बढऩे की अच्छी संभावना है। यदि जनवरी-फरवरी में सामान्य या अच्छी सर्दी रहेगी तो किसानों को और लाभ होगा। अभी हालत फसलों के लिए लाभकारी दिख रही है, पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह से तापमान में गिरावट आ सकती है। किसानों को ङ्क्षसचाई-समन्वय व बीमारियों पर नजर रखनी होगी ताकि यह अनुकूल मौसम वास्तविक उत्पादन में बदले।
डॉ. राज सिंह कुशवाह,
कृषि वैज्ञानिक

Updated on:
19 Dec 2025 02:25 am
Published on:
19 Dec 2025 02:22 am
Also Read
View All

अगली खबर