MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अनोखी पहल की है। दो दोषियों की सजा निलंबित कर रखी शर्त...कोर्ट की पहल से अंचल में लगे हैं हजारों पेड़...
MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) सुरेश कुमार कैत (Suresh Kumar Kait) ने अनोखी पहल की है। हत्या के दो दोषियों की सजा को निलंबित किया है। दोषियों को जेल से छूटने के बाद 5-5 पौधे लगाने होंगे। इन पौधों की जियो टेगिंग की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि पौधे लगाने की शर्त तब लगाई जाती है, जब मामला जमानत का बनता है। जब कोई व्यक्ति सामाजिक उद्देश्य की सेवा का इरादा रखता है, लेकिन गुण-दोष पर विचार करने के बाद जमानत पर फैसला किया जाता है।
दरअसल मुंशी और धनराज को श्योपुर के एट्रोसिटीज एक्ट के विशेष कोर्ट ने हत्या में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों आजीवन कारावास के आदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनकी अपील 2018 से लंबित थी। हाईकोर्ट में सजा निलंबन का आवेदन पेश किया। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने तर्क दिया कि दोषी पिछले 8 साल से जेल में हैं। जेल में लंबा समय बीत गया है।
गुण दोष के आधार पर यह जमानत का मामला बनता है। वर्तमान में वर्ष 2005-2006 की अपीलों की सुनवाई की जा रही है। निकट भविष्य में इनकी अपील पर सुनवाई की संभावना नहीं है। इनकी सजा को निलंबित किया जाए। सजा को निलंबन किया। जेल से रिहा होने के 30 दिन में 5-5 पौधे लगाने होंगे।
वरिष्ठ अधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने कोर्ट को अवगत कराया कि जस्टिस आनंद पाठक की पहल पर ग्वालियर अंचल में हजारों पौधे लग चुके हैं। पौधे पेड़ बन चुके हैैं। बड़ी संख्या में पौधे लगने से हरियाली भी बढ़ी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अपीलार्थी को सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगाने होंगे। पेड़ों की देखरेख भी करनी होगी। हर तीन महीने में पौधों की रिपोर्ट विचारण न्यायालय में पेश करनी होगी। यदि पौधे सूखे तो जमानत निरस्त करने पर विचार किया जा सकता है। छह महीने तक पौधों की रिपोर्ट पेश करनी होगी।