ग्वालियर

पेट्रोल में फिर से आया एथेनॉल, दो पहिया गाडिय़ों दम फूला, एक्सीलेटर चिपकने व बंद होने की शिकायत बढ़ी, 20 फीसदी एवरेज भी घटा

Petrol is flowing intermittently from the carburetor, this is the reason for the problem, it is running only after cleaning, more problem in older vehicles

2 min read
Oct 13, 2025
Petrol is flowing intermittently from the carburetor, this is the reason for the problem, it is running only after cleaning, more problem in older vehicles


ethanol शहर के पेट्रोल पंपों से खराब पेट्रोल मिलने लगा है, जिसकी वजह से दो पहिया वाहनों का दम फूल गया है। एक्सीलेटर चिपकने व गाड़ी बंद होने की शिकायत बढ़ी है। इस समस्या से जूझ रहे लोग गाडिय़ां लेकर मिस्त्री के पास पहुंच रहे हैं। गाड़ी के कार्बेटर को साफ करा रहे हैं और टंकिया भी साफ करनी पड़ रही है। गाड़ी मिस्त्रियों का कहना है कि पेट्रोल खराब आ रहा है। एथेनॉल की मात्रा बढ़ा दी है, जिसकी वजह से दिक्कत बढ़ी है। 2023 के पहले के जिले में 6 लाख 50 हजार दो पहिया वाहन है। इन पुराने वाहनों में दिक्कत हो रही है।

दरअसल भारत सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है। इसके बाद से पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल आ रहा है। दिसंबर 2024 में एथेनॉल की वजह से गाडिय़ों में दिक्कत बढ़ी थी। पेट्रोल का रंग लाल हो गया था। जब लोगों का विरोध बढ़ा तो कंपनियों ने मिलाना कम कर दिया। एक कंपनी की सेल भी घट गई थी और पीले रंग का पेट्रोल मिलने का बोर्ड लगाना पड़ा था। अब लोग एथेनॉल की मिलावट को न समझ सकें, उसके लिए एथेनॉल का रंग बदल दिया है। फिर से एथेनॉल आना शुरू हो गया है। 2023 की पहले की जो गाडिय़ां हैं, वह गाडिय़ां नहीं चल रही हैं। उनमें दिक्कत बढ़ी है। एक मिस्त्री के यहां 10 से 12 गाडिय़ां कार्बेटर की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं।

नई गाडिय़़ों के इंजर 20 फीसदी एथेनॉल से चलने में सक्षम, पर पुराने नहीं

- 2023 के बाद की जो गाडिय़ां हैं, उन गाडिय़ों पर ई-20 लिखकर आ रहा है। पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल है तो यह गाड़ी चल सकती है, लेकिन 2023 के पहले की गाडिय़ां एथेनॉल से चलने लायक नहीं बनाई है।

- एथेनॉल गाड़ी के कार्बेटर में जम रहा है, जिससे पेट्रोल इंजन में नहीं जा पा रहा है। पेट्रोल के साथ जो एथेनॉल इंजन में पहुंच गया है, वह जल नहीं पा रहा है। इससे इंजन के अंदर भी एथेनॉल जम रहा है, जिससे गाड़ी का इंजन बोर हो रहा है।

एक्सीलेटर चिपकने से बढ़ी दुर्घटना की संभावना

एथेनॉल की वजह दो समस्या आ रही हैं। एक्सीलेटर के चिपकने से गाड़ी भाग रही है। इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है। जब लोग मस्त्री के पास पहुंच रहे है, तब उन्हें असली समस्या समझ आ रही है कि ईधन ही इंजन को खा रहा है, जिससे गाडिय़ों का दम फूल गया है। दूसरा एक्सीलेटर कम करने पर गाड़ी बंद हो रही है। झटके देकर चल रही है। लोगों की गाड़ी की स्थिति देखकर लग रहा है कि कहीं बंद न हो जाए।

- खराब पेट्रोल की वजह से लोगों का खर्च बढ़ गया है। कार्बेटर साफ करने का स्प्रे 100 रुपए का आ रहा है और 100 से 150 रुपए मिस्त्री ले रहा है। यदि गाड़ी का हेड खुल गया तो 500 रुपए का खर्च हो रहे हैं।

- एसिड से कार्बेटर साफ करने पर अंदर से काफी कचरा निकल रहा है। गुड़ जैसा पदार्थ अंदर जम रहा है। जिससे एक्सीलेटर चिपक रहा है और इंजन में पेट्रोल नहीं पहुंच रही है।

- पुरानी गाडिय़ां का एवरेज 20 फीसदी कम हो गया है।

एक्सपर्ट

- पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा बढा दी है। पहचान न हो सके, उसके लिए एथेनॉल का रंग बदल दिया है। गाड़ी बंद होने व एक्सीलेटर चिपकने की शिकायतें बढ़ी हैं और दिन लोग इस समस्या को लेकर आ रहे हैं।

रहीश खान, दो पहिया वाहन मिस्त्री

Published on:
13 Oct 2025 11:21 am
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