PM Jeevan Jyoti Bima Yojana Fraud in MP: गिरोह ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में फर्जीवाड़ा कर 1004 प्रकरणों में 2-2- लाख रुपए लेकर 20 करोड़ रुपए हड़पे हैं। क्लेम राशि 8 बीमा कंपनियों के माध्यम से ली है। गिरोह ने जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 के बीच पूरे फर्जीवाड़े के अंजाम दिया गया।
MP News:मध्यप्रदेश में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने मरणासन्न व मृतकों के नाम पॉलिसी लेकर सरकारी राशि का गबन करने के मामले में 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। तीन जिलों में बीमा कंपनी के एजेंट, पंचायत सचिव ने 4 साल से संगठित होकर सरकारी राशि का गबन करने के लिए गिरोह चला रहे थे। इस गिरोह ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में फर्जीवाड़ा(PM Jeevan Jyoti Bima Yojana Fraud in MP) कर 1004 प्रकरणों में 2-2- लाख रुपए लेकर 20 करोड़ रुपए हड़पे हैं। क्लेम राशि 8 बीमा कंपनियों के माध्यम से ली है।
गिरोह ने जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 के बीच पूरे फर्जीवाड़े के अंजाम दिया गया। 18 से 55 वर्ष के बीच के लोगों के 2 लाख रुपए का बीमा कराते थे। बीमा होने के बाद इनकी मृत्यु चंद दिन में हो जाती थी। यदि क्लेम राशि नहीं मिलती थी तो जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में परिवाद पेश करते थे।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी(Big Scam) से 325 क्लेम प्रकरण प्राप्त हुए। जिसमें 5 प्रकरणों की जांच पूर्ण की गई। जिसमें खुलासा हुआ है कि नदीम, नसीमा, सिमरन, कृष्णा शंखवार जीवित थे, लेकिन उनका नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया गया। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 2-2 लाख रुपए का क्लेम प्राप्त किया।
इस संगठित गिरोह में जिग्नेस प्रजापति, दीपमाला मिश्रा, विवेक दुबे सहित अन्य लोगों की भूमिका सामने आई। दीपमाला मिश्रा ने एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ वर्ड नामक संस्था सदस्य बनाए जाने के लिए दस्तावेज लिए। मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से बनवाते थे। बैंक अकाउंट, पासबुक, एटीएम, चैकबुक, नॉमिनी के हस्ताक्षर अपने पास रखते थे। बीमा कंपनी से भुगतान होने पर एटीएम से पैसा निकालते थे।
दरअसल ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर, भिंड, मुरैना के प्रकरणों की जांच की। जांच में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। गिरोह के सदस्य कम पढ़े लिखे लोगों को ढूंढते थे, ताकि उनके फर्जीवाड़े को नहीं समझ सके। ग्वालियर में 325 प्रकरण में से 5 व भिंड मुरैना में 679 प्रकरणों में से 5-5 प्रकरण की जांच की। पत्रिका ने मार्च 2024 में बीमा क्लेम की राशि हड़पने वाले गिरोह का खुलासा किया था।
● अरुण कुशवाह, राजाबेटी, सीमाबाई, कल्याण माहौर, सुनीता बाई की मृत्यु हो चुकी थी, पर उन्हें जीवित बताते हुए बीमा कराया गया। बीमा होने के बाद फिर से मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया गया। एसबीआई लाइफ इंश्योंरेंस से 2-2 लाख क्लेम लिया।
● इस फर्जीवाड़े में मान सिंह कुशवाह, बल्लेश किरार (बीमा एजेंट), प्रदीप कुशवाह, रिंकू सिंह कुशवाह, सगुनी कुशवाह, पंचायत सचिव सूरजराम कुशवाह की भूमिका सामने आई।
● बलवीर सिंह राठौर, लक्ष्मण श्रीवास, शशी विमल, मंजूबाई, अरविंद का बीमा कराया। 6 में से 4 लोगों की मौत हो चुकी थी, लेकिन उन्हें जिंदा बताया पीएम जीवन ज्योति में बीमा कराया। फिर मृत्यु प्रमाण बनवाया। लक्ष्मण जीवित था, उसका भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर 2-2 लाख क्लेम निकालकर कर 10 लाख रुपए हड़पे।
● बालेंद्र कुशवाह, सतीश परिहार, निखिल, विमल, भोलू व पंचायत सचिव सूरतराम कुशवाह अन्य की भूमिका थी।
● पंचायत सचिव सूरतराम कुशवाह ऐसे लोगों को तलाशता, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। परिजनों को बीमा राशि व सरकारी सहायता दिलाने का झांसा देता था।